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1st Bihar Published by: Updated Mon, 16 Mar 2020 01:51:05 PM IST
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DESK : दुनियाभर में जिस तेजी से कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है,उसको देखते हुए WHO ने इसे महामारी घोषित कर दिया है. कोरोना वायरस को महामारी घोषित करते ही इसके बचाव के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास जारी है. चीन के वुहान शहर से शुरू हुई ये बीमारी अब विश्व के 122 देशों में फैल चुकी है.अब तक दुनिया में कोरोना के 169,605 मरीज मिले है वही भारत में इन की संख्या 110 पहुंच चुकी है.लोगों की मौत का आकड़ा 6500 तक पहुंच गया है. हम इसे ग्लोब्लाइजेशन का इफ़ेक्ट भी कह सकते है.अमेरिका और इंग्लैड जैसे विकसित देश हो या भारत जैसा विकासशील देश कोई भी इस से अछूता नहीं रहा.
इस बीमारी के लिए अब तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है, पर शायद जल्द ही कुछ अच्छा सुनने को मिले. ऐसा हम इस लिए कह रहे है क्योंकि अमेरिका ने ये दवा किया है कि उसने इसकी वैक्सीन बना ली है.अमेरिकी वैज्ञानिक आज से इस वैक्सीन का इंसानो पर ट्रायल करने जा रहे हैं. इसकी घोषणा खुद अमेरिका की सरकार ने की है.बता दें कि अमेरिका में कोरोना वायरस से अब तक करीब 2794 लोग संक्रमित हो चुके हैं, वही 56 लोगों की मौत हो चुकी है. अगर अमेरीकी साइंटिस्ट इस परीक्षण में सफल हो गए तो इस वैक्सीन को पूरी दुनिया में बांटा जाएगा.अमेरिका का द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ इस ट्रायल की फंडिंग कर रहा है. सिएटल स्थित कैसर पर्मानेंटे वॉशिंगटन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट में इंसानों पर इसका परीक्षण किया जायेगा.
अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि कोरोना के सटीक वैक्सीन को बाजार में आने में 18 महीने लग सकते हैं. 45 युवा वॉलंटियर्स को वैक्सीन के ट्रायल के लिए चुना गया हैं. इस वैक्सीन को एनआईएच और मॉडर्ना इंक ने एकसाथ मिलकर बनाया है. इन सभी युवाओं को अलग-अलग मात्रा में वैक्सीन के डोज दिए जाएंगे, इस टीके में कोई वायरस नहीं हैं. अमेरिका का कहना है की इस ट्रायल का मकसद सिर्फ ये पता करना है की वैक्सीन का कुछ दुष्प्रभाव नहीं है,बाद में इसका बड़े पैमाने पर परीक्षण किया जा सकेगा यदि सकारात्मक नतीजे आये तो इस वैक्सीन को पूरी दुनिया में भेजा जाएगा.