मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Bihar News: गयाजी के सूर्यकुंड तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, भीषण गर्मी या है कोई और वजह?
1st Bihar Published by: Updated Sat, 06 Jun 2020 06:21:50 PM IST
- फ़ोटो
DESK : कोरोना से जुड़ी लेटेस्ट रिसर्च में अब ये बात सामने निकल कर आई है कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप A रहता है, उनको कोरोना संक्रमित होने का खतरा अन्य लोगों की तुलना में कहीं ज्यादा रहता है. सबसे पहले चीन के मेडिकल साइंटिस्ट ने इस बारे में जानकारी दी थी कि कोरोना के गंभीर मरीजों में A ब्लड ग्रुप वाले लोगों का संख्या अधिक पाई गई थी. पर अब इस बात की पुष्टि जर्मनी के रिसर्चर्स ने भी की है.
जर्मनी के यूनिवर्सिटी ऑफ कील के रिसर्चर्स ने कहा है कि ब्लड में पाए जाने वाले खास तरह की जीन इसके लिए जिम्मेदार है. रिसर्च में ये बात सामने निकल कर आई है कि अन्य ब्लड ग्रुप की तुलना में ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों को 50 फीसदी अधिक खतरा रहता है. उनकी हालत इतनी ख़राब हो सकती है कि उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट और वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है.
डेली मेल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, संभव है कि इसी वजह से कई स्वस्थ और फिट युवा कोरोना वायरस की वजह से गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं. अमेरिका, स्पेन सहित कई देशों में स्वस्थ और फिट युवाओं की कोरोना से मौत हो चुकी है.
यूनिवर्सिटी ने टाइप A ब्लड ग्रुप वाले लोगों को होने वाले खतरे का पता लगाने के लिए इटली और स्पेन के 1610 कोरोना मरीजों के डेटा की स्टडी की थी. इस स्टडी के दौरान मरीजों के जीनोम की सीक्वेंसिंग की गई. इसके बाद इनमें खास पैटर्न तलाशने की कोशिश की गई. बाद में इसकी तुलना अन्य 2205 लोगों के डेटा से की गई जो कोरोना से संक्रमित थे, पर गंभीर रूप से बीमार नहीं हुए थे. इस दौरान गौर करने लायक दो जीन एरिया मिले. एक जीन एरिया ऐसा था जो लोगों के ब्लड टाइप पर निर्भर करता है.
इस स्टडी में एक और बात सामने निकल कर आई है, वो ये है कि एक तरफ A ब्लड ग्रुप वाले लोगों को कोरोना से अधिक खतरा रहा है. वहीं, O ब्लड ग्रुप वाले लोगों को तुलनात्मक रूप से कोरोना से गंभीर बीमार पड़ने का खतरा कम रहता है.