मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Bihar News: गयाजी के सूर्यकुंड तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, भीषण गर्मी या है कोई और वजह?
1st Bihar Published by: Updated Wed, 20 May 2020 02:26:26 PM IST
- फ़ोटो
DESK : एक नए अध्ययन में पता चला है कि धूम्रपान करने वाले लोगों को कोरोना होने की ज्यादा संभावना होती है. सिगरेट का धुआं ज्यादा रिसेप्टर प्रोटीन बनाने के लिए फेफड़ों को फैलाता है और इसी प्रोटीन का इस्तेमाल करके वायरस मानव के कोशिकाओं में प्रवेश कर जाता है.
डेवलपमेंटल सेल नामक जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी में इस के बारे में विस्तार से बताया गया है. वैज्ञानिकों के अनुसार, पुरुष, बुजुर्ग और धूम्रपान करने वाले लोगों में इस बीमारी के गंभीर रूप से विकसित होने की काफी संभावना होती है. धूम्रपान छोड़ने से गंभीर कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा कम हो सकता है. उन्होंने कहा कि वायरस से संक्रमित ज्यादातर व्यक्ति केवल हल्की बीमारी से पीड़ित होते हैं. हालांकि गंभीर वायरस हमला करें तो कुछ लोगों को गहन देखभाल की भी जरूरत पड़ती है.
अमेरिका में कोल्ड स्प्रिंग हार्बर लेबोरेटरी के कैंसर जेनेटिसिस्ट और इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक जेसन शेल्टज़र ने जर्नल को बताया कि- 'हमने अपने अध्यन में पाया कि धूम्रपान ACE2 में उल्लेखनीय वृद्धि को बढ़ा देता है, ये वो प्रोटीन है जिसके जरिए वायरस मानव कोशिकाओं में प्रवेश कर जाता है. धूम्रपान नहीं करने वाले लोगों की तुलना में धूम्रपान करने वालों लोगों ने ACE2 का उत्पादन 30-55 प्रतिशत ज्यादा होता है.
आगे वो बताते हैं कि फेफड़ों में ACE2 के स्तर पर उम्र या लिंग का कोई प्रभाव पड़ता है इसका कोई सबूत वैज्ञानिकों को अभी नहीं मिला. पर सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने से प्रभाव में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि देखी गई है. अध्ययन में कहा गया है कि वायुमार्ग में सबसे ज्यादा ACE2 बनाती हैं म्यूकस बनाने वाली कोशिकाएं, जिन्हें गॉब्लेट कोशिकाएं कहा जाता है. धूम्रपान ऐसी कोशिकाओं को बढ़ाने के लिए ही जाना जाता है. इसलिए अगर कोरोना वायरस संक्रमण से बचना चाहते हैं तो धूम्रपान छोड़ देने में ही आपकी भलाई है.