Bihar Crime News: ‘ये नहीं मैं इन्हें भगाकर ले आई हूं’ लड़की ने घर के भागकर रचाई शादी, वीडियो जारी कर की यह अपील Bihar Crime News: ‘ये नहीं मैं इन्हें भगाकर ले आई हूं’ लड़की ने घर के भागकर रचाई शादी, वीडियो जारी कर की यह अपील एक गांव ऐसा भी: पहली बार किसी छात्र ने पास की मैट्रिक की परीक्षा, आजादी के बाद ऐतिहासिक उपलब्धि; दिलचस्प है कहानी एक गांव ऐसा भी: पहली बार किसी छात्र ने पास की मैट्रिक की परीक्षा, आजादी के बाद ऐतिहासिक उपलब्धि; दिलचस्प है कहानी Bihar News: पोखर में डूबने से सास-बहू की दर्दनाक मौत, शादी की खुशियां मातम में बदलीं Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में जुटा EC, शुरू कर दिया यह बड़ा जरूरी काम Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में जुटा EC, शुरू कर दिया यह बड़ा जरूरी काम Bihar News: तेज रफ्तार ट्रक ने एम्बुलेंस को मारी जोरदार टक्कर, हादसे में प्रेग्नेंट महिला की मौत, चार लोग घायल Bihar News: तेज रफ्तार ट्रक ने एम्बुलेंस को मारी जोरदार टक्कर, हादसे में प्रेग्नेंट महिला की मौत, चार लोग घायल Bihar News: सड़क हादसे में पति की मौत के बाद पत्नी की भी गई जान, तीन मासूम के सिर से उठा मां-बाप का साया
1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Sun, 22 Dec 2024 01:32:53 PM IST
- फ़ोटो
Corruption in Bihar: भ्रष्टाचार के खिलाफ बिहार सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है. दावा किया जाता है कि सरकार न किसी को फंसाती है और न बचाती है. समय-समय पर भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी सेवकों के खिलाफ निगरानी-आर्थिक अपराध इकाई कार्रवाई भी करती है. हालांकि यह सिर्फ दिखावा भर ही है. जांच एजेंसियां केस दर्ज कर सुस्त पड़ जाती हैं. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामलों में अनुसंधान की गति काफी धीमी है. वर्षों बीत जा रहे. लेकिन जांच एजेंसी न्यायालय में आरोप समर्पित नहीं कर पाती. इसका सीधा लाभ भ्रष्टाचार के आरोपी उठाते हैं. आर्थिक अपराध इकाई ने स्थापना काल से अब तक सरकारी अधिकारियों द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का 85 केस किया. लेकिन आरोप पत्र समर्पित करने की गति काफी धीमी है. लगभग 43 फीसदी केसों में ही अब तक न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई है.
ईओयू ने 85 केस दर्ज किए..आरोप पत्र सिर्फ 37 में
गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी की तरफ से बताया गया है कि आर्थिक अपराध इकाई ने अब तक लोक सेवकों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जन के 85 केस दर्ज किए हैं. जिनमें 37 केस में न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया जा चुका है. यानि 48 केस में अभी तक जांच एजेंसी जांच पूरी नहीं कर सकी है. लिहाजा न्यायालय में चार्जशीट दाखिल हो सकी है. गृह विभाग की तरफ से बताया गया है कि ईओयू थाने में दर्ज केसों में अभियुक्तों के खिलाफ बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम 2009 के तहत आय से अधिक संपत्ति की जब्ती के लिए कुल 26 मामलों में घोषणा पत्र एवं आदेश निर्गत किया गया है.
2018-19 के बाद दर्ज अधिकांश केसों में जांच धीमी
2019 में आर्थिक अपराध इकाई ने सरकारी सेवकों द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जन का सिर्फ एक केस दर्ज किया. जल संसाधन विभाग (बाढ़ नियंत्रण) के मुख्य अभियंता मुरलीधऱ सिंह और पत्नी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. यह केस पांच सालों बाद भी अनुसंधान में है. 2021 में ईओयू ने बालू के अवैध खनन में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी. इस साल सरकारी सेवकों के खिलाफ कुल 15 केस दर्ज किए थे. पंद्रह में 14 केस अभी अनुसंधान में है. पालीगंज के तत्कालीन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी तनवीर अहमद भाग्यशाली निकले. इनके खिलाफ दर्ज केस में जांच एजेंसी को कोई सबूत नहीं मिला. लिहाजा कोर्ट में 14 अप्रैल 2023 को अंतिम प्रतिवेदन समर्पित किया, जिसमें साक्ष्य नहीं होने की बात कही. बाकी सभी जिनमें पुलिस,परिवहन, खनन, राजस्व सेवा के अधिकारी हैं, इनके खिलाफ दर्ज डीए केस अनुसंधान में ही है. उदाहरण के तौर पर बता दें, परिवहन के मोटरयान निरीक्षक मृत्युंजय कुमार सिंह, इनकी पत्नी व अन्य के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने 20.12.2021 को डीए केस दर्ज कर कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. यह केस अभी जांच में ही है. वहीं,तत्कालीन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अनुप कुमार के खिलाफ भी 13.12.2021 को डीए दर्ज कर छापेमारी की गई थी. यह केस भी अनुसंधान में ही है. 2022 में आर्थिक अपराध इकाई ने 19 सरकारी सेवकों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई की थी. 18 केस अनुसंधान में ही है, वहीं एक में चार्जशीट दाखिल की गई है.
2023 में सिर्फ एक सरकारी सेवक के खिलाफ ईओयू ने दर्ज किया डीए केस
2023 की बात करें तो ईओयू ने सिर्फ एक सरकारी सेवक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया. एसएफसी के सहायक प्रबंधक शिशिर कुमार वर्मा के खिलाफ 12 अक्टूबर 2023 को आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया गया था. यह केस भी अनुसंधान में है.