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1st Bihar Published by: Updated Tue, 14 Sep 2021 04:46:19 PM IST
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PATNA : केंद्र सरकार ने देश के किसानों की आय को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए है. इनमें से एक है ई नाम (e-Nam). भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि किसानों की फसल का उचित मूल्य दिलाने में सहायता कर रहा राष्ट्रीय कृषि बाजार e-NAM पोर्टल, किसानों की आय बढ़ाने मे ये पोर्टल मिल का पत्थर साबित हो रहा है.
बीजेपी प्रवक्ता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि ई-नाम एक पैन इंडिया ई-व्यापार प्लेटफॉर्म है. कृषि उत्पादों के लिये एक एकीकृत राष्ट्रीय बाज़ार का सृजन करने के उद्देश्य से इसका निर्माण किया गया है. राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों की 1,000 मंडियां हैं पोर्टल पर एकीकृत,1.71 करोड़ से अधिक किसान और 1.74 लाख से अधिक व्यापारी हैं पंजीकृत हैं.
e-NAM के तहत किसान अपने नज़दीकी बाज़ार से अपने उत्पाद की ऑनलाइन बिक्री कर सकते हैं और व्यापारी कहीं से भी उनके उत्पाद के लिये मूल्य चुका सकते हैं. इसके परिणामस्वरूप व्यापारियों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे प्रतिस्पर्द्धा में भी बढ़ोतरी होगी. इसके माध्यम से मूल्यों का निर्धारण भली-भाँति किया जा सकता है और किसानों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त होगा.
उन्होंने बताया कि ई-नाम पोर्टल पर वर्तमान में, खाद्यान्न, तिलहन, रेशे, सब्जियों और फलों सहित 150 वस्तुओं का व्यापार किया जा रहा है. साथ ही इस पर 1,005 से अधिक ‘किसान उत्पादक संगठन’ पंजीकृत हैं.
क्या है ई-नाम (e-Nam) ?
ई नाम (e-Nam) का पूरा नाम है राष्ट्रीय कृषि मार्केट(नैशनल ऐग्रिकल्चर मार्केट). यह एक ऑनलाइन ट्रैडिंग मार्केट है, जहां पर देश के किसान अपनी उपज को बिना किसी बिचौलिए की मदद से बेच सकते हैं. इस प्लेटफॉर्म की वजह से किसानों की जिंदगी आसान हुई है. साथ ही खरीददार और व्यापारियों के लिए भी इस प्लेटफॉर्म ने कई मुश्किलें हल कर दी हैं. अब उन्हें अपनी मनपसंद की उपज एक ही जगह मिल जाती है.
इस प्लेटफॉर्म ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अपनी फसल बेचने के लिए आसान अवसर मुहैया करवाए हैं. 14 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ई-नाम का शुभारंभ किया था. इसका मुख्य उद्देश्य देशभर के किसानों के लिए देशव्यापी स्तर पर एक बाजार का निर्माण करना है, जिससे किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सके.