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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 01 Apr 2024 08:23:36 AM IST
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DESK : वर्तमान समय में देश के अंदर सबसे अधिक चर्चा का केंद्र बना हुआ है इलेक्टोरल बॉन्ड यानी चुनावी चंदा। इसको लेकर विपक्ष के नेता लगातार सरकार और देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं। जिसका कई दफे भाजपा के नेता ने जवाब भी दिया है। लेकिन, इसके बाबजूद इस मामले पर सवाल उठाना बंद नहीं हुआ और विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बना रही है। ऐसे में अब इस पूरे मामले पर खुद पीएम मोदी का बड़ा रीएक्शन सामने आया है। पीएम मोदी ने इस पूरे मामले पर कांग्रेस को ही कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।
दरअसल, एक निजी टीवी चैनेल को इंटरव्यू देते हुए पीएम मोदी ने बड़ी बात कही है। पीएम मोदी ने कहा कि - हमारी सरकार आई तभी चुनावी बॉन्ड लाया गया। आज तो लोग कह रहे हैं की कितना रुपया उस पार्टी को मिला या इस पार्टी को मिल, ये हमारे ही काम का देन है कि आज फंडिंग का स्रोत पता है। उन्होंने यह भी कहा कि क्या कोई एजेंसी हमें बता सकती है कि 2014 से पहले चुनावों में कितना पैसा खर्च किया गया था।
क्या चुनावी बॉन्ड डेटा से बीजेपी को कोई झटका लगा है?
पीएम मोदी ने इंटरव्यू में कहा, ''चुनावी बांड की बदौलत अब हम फंडिंग के स्रोत का पता लगा सकते हैं। कुछ भी सही नहीं है, खामियों को दूर किया जा सकता है। वहीं, जब पीएम मोदी से सवाल किया गया कि- क्या चुनावी बॉन्ड डेटा से बीजेपी को कोई झटका लगा है? इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा, ''मैंने ऐसा क्या किया है कि कोई झटका लगेगा? मुझे यकीन है कि जो लोग आज (चुनावी बांड पर) हंगामा कर रहे हैं, उन्हें पछतावा होगा।
2014 से पहले भी कुछ न कुछ खर्च हुआ होगा
मैं सभी विशेषज्ञों से पूछना चाहता हूं कि कौन सी एजेंसी 2014 से पहले चुनावों में इस्तेमाल किए गए धन का पता लगा सकती है। कुछ खर्च तो हुआ ही होगा न चुनाव के समय। मोदी चुनावी बॉन्ड लेकर आए और इसलिए आज आप जानते हैं कि किसने किसको कितना फंड दिया। कुछ भी सही नहीं है, हर चीज में खामियां हैं मगर उन्हें दूर किया जा सकता है।
एनडीए का गठबंधन बहुत मजबूत गठबंधन
पीएम मोदी ने अपने इंटरव्यू में एनडीए गठबंधन को अलग-अलग लोगों को जोड़ने वाला तंत्र बताया। पीएम मोदी ने कहा, "भाजपा और एनडीए का गठबंधन बहुत मजबूत गठबंधन है। यह समाज के भिन्न-भिन्न लोगों की ताकतों को जोड़ने वाला संगठन है। यह भिन्न-भिन्न आर्थिक, सामाजिक तबके के प्रतिनिधित्व करने वाले दलों का संगठन है। भाजपा-एनडीए को मिलने वाले वोट 'भाजपा समर्थक' हैं।
अमित शाह ने भी दिया था बयान
मालूम हो कि, इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इसी तरह की राय व्यक्त की थी कि चुनावी बांड योजना को पूरी तरह से खत्म करने के बजाय इसमें सुधार किया जाना चाहिए था क्योंकि इसे भारतीय राजनीति में काले धन के प्रभाव को समाप्त करने के लिए पेश किया गया था। उन्होंने यह भी कहा था कि देश की सबसे बड़ी अदालत ने जो फैसला दिया है, वह उसका सम्मान करते हैं।
आपको बताते चलें कि, बता दें राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए 2017 में इलेक्टोरल बांड योजना शुरू की गई थी। इस साल 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना को रद्द कर दिया और चुनाव आयोग से फंडिंग डेटा जारी करने को कहा। आंकड़ों से पता चला कि राजनीतिक दलों को देश के शीर्ष कॉरपोरेट्स से करोड़ों रुपये मिले।