1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 26 Aug 2024 07:46:43 PM IST
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PATNA: बिहार में बीजेपी, जेडीयू औऱ आरजेडी को पछाड़ कर अगले विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने का दावा कर रहे प्रशांत किशोर भूले-बिसरे नेताओं के सहारे अपनी राजनीति चमकायेंगे. प्रशांत किशोर बिहार के हर विधानसभा क्षेत्र में वैसे नेता को तलाश रहे हैं जिनके लिए सारी प्रमुख पार्टियों का दरवाजा बंद हो चुका है. ताजा खबर ये है कि मुख्य धारा की राजनीति से बाहर कर दिये गये देवेंद्र प्रसाद यादव अब प्रशांत किशोर की पार्टी का बड़ा चेहरा बनने वाले हैं.
जनसुराज में शामिल होंगे देवेंद्र यादव
किसी दौर में केंद्रीय मंत्री रहे देवेंद्र प्रसाद यादव 27 अगस्त को प्रशांत किशोर के साथ जा रहे हैं. पटना में देवेंद्र प्रसाद यादव ने अपने समर्थकों को जुटाया है. वहां प्रशांत किशोर भी पहुंचेंगे औऱ फिर देवेंद्र यादव के जनसुराज के साथ जुड़ने का एलान किया जायेगा. प्रशांत किशोर के करीबी इसे जनसुराज की बड़ी उपलब्धि करार दे रहे हैं.
राजनीति से आउट हो चुके हैं देवेंद्र यादव
देवेंद्र प्रसाद यादव 28 साल पहले केंद्र सरकार में मंत्री बने थे. 2009 के बाद उन्होंने कोई चुनाव नहीं जीता है. इस बीच वे कई बार पार्टी बदल चुके हैं. देवेंद्र यादव ने अपनी अलग पार्टी भी बनाई लेकिन किसी सीट पर जमानत बचाने लायक भी वोट नहीं आया. 2019 में उन्होंने अपनी पार्टी से झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और 25 हजार वोट पर सिमट गये थे. इसी क्षेत्र से किसी दौर में देवेंद्र यादव पांच दफे सांसद चुने गये थे.
प्रशांत किशोर औऱ उनकी टीम देवेंद्र प्रसाद यादव को जनसुराज में लाने को अपनी बड़ी उपलब्धि करार दे रहा है. जबकि बिहार की कोई पार्टी देवेंद्र यादव का नोटिस लेने को तैयार नहीं है. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले देवेंद्र यादव राजद में थे. वे लालू प्रसाद यादव से झंझारपुर से टिकट मांग रहे थे. लेकिन लालू-तेजस्वी ने उनका नोटिस तक नहीं लिया था. देवेंद्र यादव ने नीतीश कुमार की पार्टी में भी शामिल हो चुके हैं लेकिन वहां भी उन्हें नोटिस नहीं लिया गया.
हर क्षेत्र में वोटकटवा नेता की तलाश
दरअसल प्रशांत किशोर औऱ उनके साथ काम करने वाले प्रोफेशनल लोगों की टीम बिहार के हर क्षेत्र में ऐसे नेता की तलाश कर रहे हैं, जिसके पास अपनी जाति या धर्म का कुछ वोट हो. वैसे नेताओं पर खास नजर है, जिन्हें बीजेपी, आरजेडी, जेडीयू औऱ कांग्रेस जैसे मुख्य धारा की पार्टियों से टिकट नहीं मिले. प्रशांत किशोर ऐसे ही नेताओं के सहारे जन सुराज लाना चाह रहे हैं. उनकी कोशिशें कितनी सफल होगी, ये देखना होगा.