1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 15 Aug 2024 08:41:56 AM IST
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PATNA : बिहार के सरकारी स्कूलों में हेडमास्टर अब सिर्फ बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर ही फोकस करेंगे। शिक्षा विभाग उन्हें मध्याह्न भोजन यानी मिड डे मील के काम से मुक्त करने जा रहा है। विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) एस सिद्धार्थ ने इस संबंध में पदाधिकारियों को यह टास्क सौंपा है, जिस पर काम शुरू हो गया है। जल्द ही स्कूलों में मिड डे मील की नई व्यवस्था बनाई जाएगी, जिसमें हेडमास्टरों की भूमिका न के बराबर रहेगी।
दरअसल, बिहार शिक्षा विभाग यह विचार कर रहा है कि ग्राम पंचायत स्तर पर किसी एक जगह मध्याह्न भोजन पकाया जाए। फिर वहीं से पंचायत के हर स्कूलों में भोजन की आपूर्ति की जाए। इसके अलावा स्कूल स्तर पर भी इस तरह की व्यवस्था किए जाने पर मंथन चल रहा है, जिसमें प्रधानाध्यापक को इससे पूरी तरह अलग रखा जा सके। अगले महीने इस पर अंतिम फैसला लिए जाने की संभावना जताई जा रही है।
मालूम हो कि, मौजूदा व्यवस्था के अनुसार सरकारी स्कूलों में मिड डे मील की निगरानी की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की ही होती है। खाद्यान्न घटने-बढ़ने आदि की जानकारी वे संबंधित कर्मी को देते हैं। इनके हस्ताक्षर से ही संबंधित वेंडर के खाते में राशि जाती है। मध्याह्न भोजन योजना का और बेहतर ढंग से संचालन कैसे हो, इसका अध्ययन करने के लिए जल्द ही बिहार शिक्षा विभाग की एक टीम तमिलनाडु जाएगी। इस टीम में मुख्यालय पदाधिकारी के अलावा कुछ जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। मालूम हो कि तमिलनाडु में मध्याह्न भोजन योजना संचालन की प्रक्रिया देशभर मेंएक मॉडल है।