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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 14 Dec 2024 01:01:39 PM IST
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जैसे ही सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है, खरमास की शुरुआत हो जाती है। इसे धनु संक्रांति भी कहा जाता है। खरमास के दौरान सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य, जैसे शादी-विवाह, मुंडन, जनेऊ, और गृह प्रवेश, रोक दिए जाते हैं। इस अवधि को अशुभ माना जाता है, लेकिन यदि विशेष तिथियों पर माता लक्ष्मी की आराधना की जाए, तो यह समय अत्यधिक फलदायी बन सकता है। देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल बताते हैं कि इस दौरान विधि-विधान से पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन, समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है।
खरमास की तिथियां और महत्व
खरमास की शुरुआत इस साल 15 दिसंबर 2024 को होगी, जब सूर्य धनु राशि में गोचर करेगा। यह अवधि 14 जनवरी 2025 तक जारी रहेगी। पूरे एक महीने तक सभी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित रहेंगे। हालांकि, इस दौरान माता लक्ष्मी और तुलसी देवी की पूजा को विशेष महत्व दिया गया है। तुलसी को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, और इनकी आराधना से घर की दरिद्रता और संकट दूर हो जाते हैं।
खरमास में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
खरमास के महीने में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को माता लक्ष्मी की पूजा सबसे उत्तम मानी जाती है। इस दिन विधि-विधान से लक्ष्मी पूजा करने से घर में धन और समृद्धि की वृद्धि होती है।
लक्ष्मी पूजा की विधि
स्नान और सफाई: पूजा से पहले घर और पूजा स्थल को साफ करें।
पंचोपचार विधि: माता लक्ष्मी की पूजा पंचोपचार विधि से करें, जिसमें गंध, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य का उपयोग किया जाता है।
पुष्प अर्पण: लक्ष्मीजी को कमल का पुष्प और तुलसी मंजरी अर्पित करें।
ध्यान मंत्र: लक्ष्मीजी के ध्यान मंत्रों का जाप करें।
दीप प्रज्वलित करें: घी का दीप जलाकर आरती करें और प्रसाद अर्पित करें।
खरमास में तुलसी पूजा का महत्व
खरमास के दौरान तुलसी पूजा का विशेष महत्व है। तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें और दीप जलाकर "ॐ श्री तुलसये नमः" का जाप करें। तुलसी को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, और इनकी पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
खरमास में पूजा का लाभ
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस विधि से पूजा करने से:
घर की आर्थिक समस्याएं समाप्त होती हैं।
धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
खरमास के इस विशेष अवसर का लाभ उठाने के लिए विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करें।