शिवहर में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदली, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से पंडाल समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 29 Nov 2024 06:04:42 PM IST
- फ़ोटो
DELHI: वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2024) में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 5.4% पर सिमट गई है। यह आंकड़ा पिछले साल की इसी अवधि के 8.1% की तुलना में काफी कम है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
रिटेल महंगाई और कॉरपोरेट नतीजों का असर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिटेल खाद्य महंगाई में वृद्धि और कॉरपोरेट कंपनियों के खराब नतीजों के कारण जीडीपी के आंकड़े उम्मीद से कम रहे। रिजर्व बैंक ने भी पहले ही अपनी वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया था।
विभिन्न क्षेत्रों में स्थिति
कृषि क्षेत्र की स्थिति की बात करें तो पिछले चार तिमाहियों के बाद सुधार देखने को मिला है और यह 3.5% की वृद्धि दर के साथ सकारात्मक रहा। वहीं निर्माण क्षेत्र में भी अच्छी वृद्धि देखी गई है और यह 7.7% की दर से बढ़ा है। सेवा क्षेत्र में भी 7.1% की वृद्धि दर के साथ अच्छा प्रदर्शन कर रहा है जबकि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 2.2% रही, जबकि खनन क्षेत्र में 0.1% की गिरावट दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में रियल जीवीए (ग्रॉस वैल्यू एडिशन) में 6.2% की वृद्धि हुई है। हालांकि, दूसरी तिमाही में यह घटकर 5.6% रह गई।
क्यों आई है मंदी?
बढ़ती महंगाई ने लोगों की खर्च करने की क्षमता को कम किया है। वैश्विक स्तर पर मंदी का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। वहीं कॉरपोरेट कंपनियों के खराब नतीजों ने निवेश को प्रभावित किया है। ऐसे में सरकार को महंगाई को नियंत्रित करने, निवेश को बढ़ावा देने और निर्यात को बढ़ाने के लिए कदम उठाने होंगे। इसके साथ ही, वैश्विक परिस्थितियों पर भी नजर रखनी होगी।