ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: दिल्ली धमाके के बाद बिहार में सुरक्षा हाई अलर्ट, अंतिम चरण के मतदान को सुरक्षित बनाने के लिए कड़ी सुरक्षा का इंतजाम Dharmendra Death: नहीं रहे ‘शोले’ के हीमैन धर्मेंद्र, ब्रीच- कैंडी अस्पताल में ली अंतिम सांसे Bihar Election 2025 : फाइनल राउंड में 122 सीटों पर मतदान, 3 प्रदेश अध्यक्षों और 12 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर Bihar Election 2025 : मोकामा-बाढ़ के नतीजे आएंगे सबसे पहले, दीघा का परिणाम सबसे अंत में; DM ने मतगणना को लेकर कर दिया सबकुछ क्लियर Bihar Election 2025: युवा वोटर हैं बदलाव की असली ताकत, जानिए क्यों मतदान करना है जरूरी? चुनाव आयोग की अपील Bihar Election 2025 :गयाजी सीट पर फिर मैदान में डॉ. प्रेम कुमार, नौवीं जीत के लिए BJP ने झोंकी ताकत; ग्राउंड रिपोर्ट से जानिए वोटिंग से पहले क्या है इस बार वोटरों का मुद्दा Bihar Election 2025: "बिहार में मतदान का नया रिकॉर्ड बनाएं, युवा बढ़-चढ़कर करें भागीदारी", अंतिम चरण के वोटिंग को लेकर PM ने की वोटरों से अपील Bihar Election 2025 : दुसरे चरण की मतदान के बीच नीतीश कुमार ने वोटरों से की ख़ास अपील,कहा - खुद भी मतदान करें और ... Delhi Blast Impact: दिल्ली ब्लास्ट के बाद पटना एयरपोर्ट से लेकर मंदिर तक सुरक्षा बढ़ी, थानेदारों को निर्देश जारी Bihar Chunav 2025 : वोटर कार्ड नहीं है तो क्या वोट नहीं डाल सकते? जानिए चुनाव आयोग का बड़ा निर्देश

इस उम्मीद में हैं तेजप्रताप.. मिलेगा स्वास्थ्य विभाग, छोटे डिपार्टमेंट में दिल लगाकर कर रहे काम

1st Bihar Published by: Updated Thu, 18 Aug 2022 08:39:20 AM IST

इस उम्मीद में हैं तेजप्रताप.. मिलेगा स्वास्थ्य विभाग, छोटे डिपार्टमेंट में दिल लगाकर कर रहे काम

- फ़ोटो

PATNA : महागठबंधन की नई सरकार में आरजेडी सुप्रीमो के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव का कद पहले से छोटा कर दिया गया। 2015 में तेजप्रताप जब पहली बार विधायक बने और कैबिनेट में उन्हें जगह मिली तो लालू के बड़े लाल ने तीसरे नंबर पर शपथ ली थी। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बाद कैबिनेट में तेजप्रताप का रुतबा तीसरे नंबर पर था। इतना ही नहीं तेजप्रताप को स्वास्थ्य मंत्रालय मिला था लेकिन इस बार हालात बदले हुए हैं। तेजप्रताप यादव अगर लालू यादव के बेटे नहीं होते तो शायद कैबिनेट में जगह मिल पाना भी मुश्किल था। तेजप्रताप की एंट्री भी हुई तो छठे नंबर पर। उन्हें विभाग भी छोटा मिला है। फिलहाल वे वन्य पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आज या कल उन्हें स्वास्थ्य महकमे की जिम्मेदारी जरूर मिलेगी। दरअसल तेज प्रताप यादव ने कैबिनेट विस्तार के पहले इस बात की इच्छा जताई थी कि उन्हें स्वास्थ्य विभाग दिया जाए। तेजप्रताप पहले भी इस विभाग के मंत्री रह चुके हैं और वह इस महकमे में काफी दिलचस्पी रखते हैं लेकिन तेजप्रताप की यह उम्मीद पूरी नहीं हो पाई। 



कैबिनेट विस्तार के बाद जब विभागों का बंटवारा हुआ तो स्वास्थ्य विभाग तेजप्रताप के छोटे भाई और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पास चला गया। तेजप्रताप को भले ही स्वास्थ्य महकमा नहीं मिला हो लेकिन उन्होंने अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है। दरअसल तेजप्रताप यह बात समझ रहे हैं कि स्वास्थ्य महकमा छोटे भाई तेजस्वी के पास है और इसे अपने पाले में करना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं, लेकिन तेजप्रताप को पहले अपने कामकाज से खुद को साबित करना होगा। यही वजह है कि वन एवं पर्यावरण विभाग की जिम्मेदारी मिलने के बावजूद तेजप्रताप पहले दिन से काम में जुट गए हैं। तेजप्रताप ने विभाग की जिम्मेदारी संभालने के बाद लगातार बैठकें की हैं। वह पटना जू तक का मुआयना कर आए हैं। अधिकारियों को कई निर्देश भी दिए हैं। खास बात यह है कि तेजप्रताप मंत्री के तौर पर इस बार ज्यादा आक्रामक नहीं दिख रहे, उन्होंने बेहद संयमित तरीके से अब तक विभाग में कामकाज की शुरुआत की है। 



तेज प्रताप यादव अपनी छवि को पहले से बेहतर बनाना चाहते हैं। उन्हें मालूम है कि एक गंभीर राजनेता के तौर पर ही वह अपने आप को स्थापित कर सकते हैं। तेज प्रताप ने इसीलिए शायद अपनी कार्यशैली में भी बदलाव किया है। तेज जानते हैं कि अगर स्वास्थ्य महकमे की जिम्मेदारी चाहिए तो इसके लिए अपने पिता लालू यादव और छोटे भाई तेजस्वी का भरोसा भी जीतना होगा। फिलहाल जो जिम्मेदारी उन्हें मिली है उसी में उन्हें बेहतर प्रदर्शन करना होगा और जब नतीजे सामने आने लगेंगे शायद तभी तेज प्रताप की जिम्मेदारियां भी बढ़ने की उम्मीद है।