MUNGER: मुंगेर में आज जब बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ऑक्सीजन प्लांट औऱ अस्पताल का उद्घाटन कर चिकित्सा के लिए सरकार की उपलब्धियां गिना रहे थे। ठीक उसी वक्त सदर अस्पताल में गर्भवती महिला औऱ उसके पेट में पल रहे बच्चे ने तड़प तडप कर जान दे दी। महिला के परिजनों का कहना है कि खून देने के लिए उनसे पैसे मांगे गये थे। पैसे देने में देर हुई तो खून नहीं दिया गया। अस्पताल की दहलीज पर गर्भवती महिला तड़प तड़प कर मर गयी। पति पिंटू सागर और परिजन गिडगिड़ाते रहे लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था।
मुंगेर सदर अस्पताल का वाकया
घटना के बारे में बताने से पहले हम आपको बता दें कि शनिवार को डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद मुंगेर में थे. वे आईटीसी कंपनी के सहयोग से मुंगेर के ऑक्सीजन प्लांट और 100 बेड के हास्पिटल का उद्घाटन करने पहुंचे थे. डिप्टी सीएम जब मुंगेर में थे तो सारा स्वास्थ्य महकमा उनके स्वागत में था औऱ उसी दौरान दोपहर साढ़े बारह बजे शंकरपुर के पिंटू सागर अपनी पत्नी मधु कुमारी को लेकर सदर अस्पताल में प्रसव कराने पहुंचे. डॉक्टरों ने कहा कि महिला में खून की कमी है औऱ उसे तुरंत खून चढ़ाया जाना जरूरी है.
खून के लिए पैसे की मांग
पिंटू सागर ने बताया कि वे ब्ल्ड बैंक में गये औऱ ब्लड की मांग की. ब्लड बैंक में बैठे कर्मचारी ने उनसे कहा कि 55 सौ रूपये देने पर ही खून दिया जायेगा. जबकि पिंटू औऱ उनके पांच परिजन खून देने के लिए तैयार थे. लेकिन फिर भी साढ़े हजार रूपये नजराने के तौर पर मांगा गया. पैसे के इसी विवाद में काफी देर तक खून नहीं मिल पाया. उसके बाद जब पिंटू अपनी पत्नी को देखने अस्पताल के अंदर गये तो उनकी पत्नी दम तोड़ चुकी थी. पिंटू की पत्नी मधु के गर्भ में नौ महीने का बच्चा भी था. मधु की मौत के दो घंटे बाद बच्चे की खोज खबर ली गयी. पता चला कि बच्चा भी मर चुका है.
डॉक्टरों ने बच्चे को बचाने की भी कोशिश नहीं की
पत्नी औऱ बच्चे को खोने वाले पिंटू सागर का आऱोप है कि डॉक्टरों ने बच्चे को बचाने की भी कोशिश नहीं की. पत्नी की मौत के बाद बच्चे की सही समय पर जांच नहीं की गयी. लिहाजा बच्चे को भी नहीं बचाया जा सका. पिंटू का कहना था कि अस्पताल के हर कर्मचारी-डॉक्टर को पैसा चाहिये था. पैसे के बिना कोई मरीज को छूने तक को तैयार नहीं था.
अस्पताल प्रशासन का इंकार
मुंगेर सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड की महिला डॉक्टर निष्ठा कुमारी ने कहा कि मधु कुमारी के शरीर में खून की कमी थी औऱ ब्ल़ड प्रेशर भी काफी कम था. इसलिए ब्लड लाने को कहा गया था. डॉक्टर का दावा है कि तीन मिनट में ब्लड आ गया था जिसके बाद महिला को बचाने की कोशिश की गयी लेकिन वह बच नहीं पायी. ब्लड बैंक के प्रभारी संजय कुमार यादव ने भी पैसे मांगने की बात से इंकार करते हुए कहा कि तीन मिनट में ही ब्लड दे दिया था.
सुरक्षाकर्मियों की मदद से पिंटू को भगाया
अस्पताल प्रशासन तीन मिनट में ब्लड मिलने औऱ इलाज का सही इंतजाम करने की बात कह रहा था लेकिन पत्नी औऱ बच्चे की मौत के बाद पिंटू सागर अस्पताल में चीख चीख कर उनकी पोल खोल रहा था. छाती पीट पीट कर रो रहा पिंटू बार बार ये कह रहा था कि वह सदर अस्पताल क्यों आया. पूरे अस्पताल के सामने पिंटू कह रहा था कि डॉक्टरों ने उसकी पत्नी की जान ले ली. अस्पताल का कोई डॉक्टर या कर्मचारी उसे जवाब देने नहीं आया. बाद में सुरक्षाकर्मियों की मदद से उसे वहां से निकाल दिया गया।