ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election Violence : दुलारचंद हत्याकांड में CID की सख़्ती बढ़ी, मेटल डिटेक्टर से खोजा गया गोली का खोखा, जानिए क्या है नया अपडेट Bihar Election 2025: पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी त्योति सिंह के होटल के कमरे में पुलिस ने क्यों की छापेमारी? देर रात तक मचा रहा हड़कंप Chess Championship: बिहार के इस जिले में शतरंज चैंपियनशिप का आयोजन, बाजी मारने वाले को तगड़ा इनाम Bihar Election 2025: सूरजभान और अनंत की गढ़ में अब निर्दलीय कैंडिडेट ने दिखाई दबंगई, युवक का सिर फोड़ा; जानिए क्या थी वजह Bihar Election 2025: बिहार में दूसरे चरण की वोटिंग के दौरान पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने मतदाताओं से क्यों मांगी माफी? जानिए.. पूरी बात Bihar Election 2025: बिहार में दूसरे चरण की वोटिंग के दौरान पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने मतदाताओं से क्यों मांगी माफी? जानिए.. पूरी बात Bihar Election 2025: ‘इतनी अच्छी खबर है कि पूछिए मत’, बिहार में दूसरे चरण की वोटिंग के बीच बोले उपेंद्र कुशवाहा Bihar Election 2025: ‘इतनी अच्छी खबर है कि पूछिए मत’, बिहार में दूसरे चरण की वोटिंग के बीच बोले उपेंद्र कुशवाहा Motihari election : मोतिहारी के एक बूथ पर BJP पर्चा और वोटर लिस्ट वाला वीडियो वायरल, पुलिस ने एक को हिरासत में लिया; मैदान में हैं प्रमोद कुमार Bihar Election 2025: भैंस पर बैठ वोट डालने पहुंचा मतदाता, लोगों से किया वोटिंग के लिए अपील

जमीन विवाद निपटारे में बिहार का यह जिला बना नंबर वन, जानिए राजधानी पटना का क्या है हाल

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 27 Jul 2023 08:05:09 AM IST

 जमीन विवाद निपटारे में बिहार का यह जिला बना नंबर वन, जानिए राजधानी पटना का क्या है हाल

- फ़ोटो

PATNA : बिहार पिछले कुछ दिनों से जमीन विवाद के मामले तेजी से आ रहे हैं। राज्य के अंदर शायद ही कोई ऐसा दिन गुजरता हो जिस दिन जमीन विभाग का मामला निकल कर सामने नहीं आता। ऐसे में जमीन विवाद निपटारे में कौन सा जिला सबसे आगे है और कौन सा जिला सबसे पीछे है इसका एक आंकड़ा जारी किया गया है।


दरअसल, भूमि विवाद के मामले सुलझाने में बिहार का सबसे बड़ा जिला और उसका अंचल काफी सुस्त नजर आता है। पटना, मुजफ्फरपुर सहरसा, मधेपुरा, खगड़िया और गया का प्रदर्शन काफी खराब बताया गया है। इन जिलों के अंचलों का प्रदर्शन भी संतोषजनक नहीं है। इन जिलों में जमीन विवाद, दाखिल-खारिज, जमीन सेटलमेंट समेत अन्य जरूरी मामलों के निपटारे की रफ्तार बहुत धीमी है। 


वहीं, जमीन विवाद, दाखिल-खारिज, जमीन सेटलमेंट समेत अन्य जरूरी मामलों के निपटारा तेजी से करने वाले जिले की बात करें तो बांका जिला का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। राज्य में जमीन विवाद के मामले सबसे ज्यादा हैं। करीब 65 फीसदी अपराध के पीछे की वजह जमीन विवाद ही हैं। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने अंचल स्तर पर सीओ (अंचलाधिकारी), अनुमंडल स्तर पर डीसीएलआर और जिला स्तर पर अपर समाहर्ता (राजस्व) को जमीन से जुड़े विवाद के निपटारे की अहम जिम्मेदारी सौंपी है। इसके आधार पर इनकी रैंकिंग की जा रही है। 


मिली जानकारी के अनुसार राज्य के सभी 534 अंचलों के अंचाधिकारी (सीओ) के कार्यों से संबंधित जून महीने की मूल्यांकन रिपोर्ट विभाग ने जारी की है। इसमें रोहतास जिले का दावथ अंचल अव्वल है। जबकि गया जिले का टिकारी सबसे फीसड्डी या सबसे निचले पायदान पर है। दावथ अंचल के सीओ को 100 में 89 अंक प्राप्त हुए थे। जबकि टिकारी सीओ को महज 28.63 अंक प्राप्त हुए हैं। 


बाताया जा रहा है कि टॉप-5 अंचल को क्रमवार देखें तो दूसरे नंबर पर सुपौल का पिपरिया, तीसरे पर बांका का अमरपुर, चौथे पर रोहतास का नौहट्टा और पांचवें पर औरंगाबाद का हसपुरा है। टॉप-10 में सबसे ज्यादा बांका जिला के तीन अंचल अमरपुर, धौरइया और रजौन शामिल हैं। वहीं, इसके विपरित सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले 5 अंचलों में टिकारी के बाद पश्चिम चंपारण का जोगापट्टी, पटना का दुल्हिन बाजार, गया का आमस और पटना का बिक्रम है। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले 10 अंचलों में गया के सबसे ज्यादा चार अंचल टिकारी, आमस, बोधगया एवं बथनाही शामिल हैं। पटना के तीन दुल्हिन बाजार, बिक्रम और बिहटा अंचल हैं। 


आपको बताते चलें कि, समीक्षा के दौरान अपर समाहर्ताओं के कार्यों 11 मानकों पर परखा जाता है। सभी मानकों पर पटना फिसड्डी साबित हुआ। खराब प्रदर्शन करने वाले अन्य 5 जिलों में मुजफ्फरपुर, सहरसा, मधुबनी, खगड़िया, पश्चिम चंपारण शामिल हैं। जबकि, बांका सबसे अव्वल रहा। सुपौल दूसरे और पूर्णिया तीसरे स्थान पर रहा। सीतामढ़ी, कैमूर और पूर्वी चंपारण का भी प्रदर्शन बेहतर रहा।