ब्रेकिंग न्यूज़

शिवहर में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदली, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से पंडाल समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा

100 साल से धधक रहे झरिया के लोगों को मिलेगी राहत, SC की निगरानी में होगा प्रभावितों का पुनर्वास

1st Bihar Published by: 7 Updated Tue, 16 Jul 2019 01:34:58 PM IST

100 साल से धधक रहे झरिया के लोगों को मिलेगी राहत, SC की निगरानी में होगा प्रभावितों का पुनर्वास

- फ़ोटो

JHARKHAND : 100 साल से कोयले की आग में धधक रहे झरिया के लोगों को जल्द राहत मिलने वाली है. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में प्रभावित निवासियों का पुनर्वास होगा. शीर्ष अदालत ने एक सदी से ज्यादा समय से जल रहे कोलवरी इलाके की जमीन से प्रभावित निवासियों के बचाव और पुनर्वास की निगरानी का जिम्मा अपने ऊपर ले लिया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपनी कार्रवाई योजना के संदर्भ में उनके द्वारा उठाए गए कदमों का प्रदर्शन करने के लिए वहां के निवासियों के पुनर्वास के लिए अपने हलफनामे को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. झारखंड के धनबाद जिले के झरिया में 100 से अधिक वर्षों से जल रही एक भूमिगत कोयले की आग ने आखिरकार सुप्रीम कोर्ट का ध्यान अब अपनी ओर खींच लिया है. कोलफील्ड्स 100 सालों से आग में धधक रही है. इसकी वजह से वहां के स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य और जनजीवन पर भी काफी बुरा असर पड़ रहा है. इस संबंध में सन् 1997 से पहले से लंबित मामले को प्राथमिकता देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक सदी से ज्यादा समय से जल रहे घातक विस्फोट से प्रभावित निवासियों के बचाव और पुनर्वास की निगरानी के लिए इसे अपने ऊपर ले लिया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने झरिया कोलफील्ड की भूमिगत आग पर जनहित याचिका की सुनवाई तेजी से की है. जिसने सैकड़ों लोगों की जान और हजारों लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया है. वहीं अदालत ने हाल ही में उल्लेख किया है कि धनबाद के खान सुरक्षा महानिदेशक के नवीनतम स्थिति रिपोर्ट में वर्ष 2009 के बाद से इस मामले में कुछ भी नहीं मिला था. अदालत ने कहा कि ""पहली प्राथमिकता प्रभावित परिवारों या परिवारों के पुनर्वास के लिए होनी चाहिए, जो भूमिगत आग और उपद्रव से प्रभावित हो सकते हैं. "" दूसरा, अदालत ने कहा कि हालांकि रिकॉर्ड पर कागजों की अधिकता थी, ""जमीनी हकीकत के संबंध में शुद्ध परिणाम स्पष्ट रूप से अनुपस्थित हैं या स्पष्टता की कमी है.