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1st Bihar Published by: Updated Mon, 23 Dec 2019 02:23:55 PM IST
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RANCHI : जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो सपना दिखाया वह एक बार फिर से टूट गया है। दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश में जेडीयू ने अपने बूते विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन उसे जीत नसीब नहीं हुई। सीएम नीतीश के खासमखास आरसीपी सिंह ने पार्टी नेतृत्व को यह सपना दिखाया था कि झारखंड चुनाव में जेडीयू अपने दम पर बढ़िया प्रदर्शन करेगा लेकिन यह सपना चकनाचूर हो गया। आरसीपी सिंह ने झारखंड चुनाव को लेकर सितंबर के दूसरे हफ्ते से तैयारी शुरू कर दी थी। आरसीपी सिंह यह लगातार दावा कर रहे थे कि झारखंड में जेडीयू को कई सीटों पर जीत हासिल होगी लेकिन उम्मीदवारों की जमानत भी नहीं बची।
RCP को पहले ही हो गया था हार का अंदाजा
आरसीपी सिंह ने झारखंड की कुल 15 विधानसभा सीटों पर खुद प्रचार किया। 50 से ज्यादा पार्टी की बैठकों में शामिल हुए लेकिन इसका फायदा नहीं मिला। आरसीपी सिंह ने 11 सितंबर को रांची पहुंचकर चुनाव अभियान की कमान संभाली थी। आरसीपी सिंह ने पांकी, गढ़वा, पाटन, कोडरमा, हजारीबाग, रामगढ़, गोड्डा, दुमका, शिकारीपाड़ा, तोपचांची, बोकारो, हुसैनाबाद और विश्रामपुर विधानसभा सीट पर प्रचार किया लेकिन इन सभी सीटों पर जेडीयू के उम्मीदवारों का जमानत नहीं बचा। 23 नवम्बर को विश्रामपुर में प्रचार के बाद खुद आरसीपी सिंह को इस बात का अनुमान हो गया था कि जेडीयू को झारखण्ड में कुछ भी हासिल नहीं होने वाला। शायद यही वजह रही की इसके बाद आरसीपी सिंह झारखंड के रुख नहीं किया।
नीतीश ने बचाई लाज
झारखंड चुनाव के ठीक पहले जेडीयू को जेएमएम ने झटका दे दिया था। जेडीयू के सिंबल तीर को जेएमएम ने चुनाव आयोग में शिकायत कर फ्रीज करवा दिया। जेडीयू को इसके बाद झारखंड के लिए नया सिम्बल जारी किया गया लेकिन नीतीश के हाथ से निकल जाने के बाद ट्रैक्टर चलता किसान वाला सिम्बल भी उनके किसी काम न आया। जेडीयू की अंदरूनी सियासत की समझने वाले जानकर मानते हैं कि आरसीपी सिंह का दिखाया सपना नीतीश इतनी बार टूटता देख चुके हैं कि उन्होंने मौजूदा चुनाव में अपनी लाज बचाने के लिए झारखंड में चुनाव प्रचार से खुद को दूर रखा।