Bihar Election 2025: शाहाबाद से सीमांचल! BJP के लिए बड़ी चुनौती, क्या इस बार मजबूती के साथ होगी वापसी या फिर पहले की तरह ही रहेगा समीकरण Bihar Assembly Election 2025 : फाइनल चरण में सुबह 9 बजे तक इतने प्रतिशत वोटरों ने डाले वोट; जानिए कौन सा जिला रहा सबसे आगे Bihar Election 2025: बेतिया में सांसद संजय जयसवाल और मंत्री रेणु देवी ने किया मतदान, जनता से की वोटिंग की अपील Bihar Politics : मोकामा हत्याकांड में CID की सख़्ती बढ़ी, मिट्टी खंगाली-झाड़ियाँ छानीं, जानिए दुलारचंद को लगी बुलेट मिली या नहीं Bihar Election 2025: दिल्ली धमाके के बाद सबसे बड़ा सवाल : बिहार में कितना सेफ होगा मतदान ? जानिए कैसी है पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैयारी Dharmendra Death: नहीं रहे ‘शोले’ के हीमैन धर्मेंद्र, ब्रीच- कैंडी अस्पताल में ली अंतिम सांसे Bihar Election 2025 : फाइनल राउंड में 122 सीटों पर मतदान, 3 प्रदेश अध्यक्षों और 12 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर Bihar Election 2025 : मोकामा-बाढ़ के नतीजे आएंगे सबसे पहले, दीघा का परिणाम सबसे अंत में; DM ने मतगणना को लेकर कर दिया सबकुछ क्लियर Bihar Election 2025: युवा वोटर हैं बदलाव की असली ताकत, जानिए क्यों मतदान करना है जरूरी? चुनाव आयोग की अपील Bihar Election 2025 :गयाजी सीट पर फिर मैदान में डॉ. प्रेम कुमार, नौवीं जीत के लिए BJP ने झोंकी ताकत; ग्राउंड रिपोर्ट से जानिए वोटिंग से पहले क्या है इस बार वोटरों का मुद्दा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 01 Aug 2023 09:56:08 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार के लोगों के लिए काफी काम की खबर है। राज्य में अब ग्राम कचहरी या सरपंच से बनाई गई वंशावली मान्य नहीं होगी। बिहार सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि अब सरपंच या ग्राम कचहरी द्वारा किसी व्यक्ति की मनाई गई वंशावली मान्य नहीं होगी इस संबंध में पंचायती राज विभाग ने सभी डीएम को पत्र जारी कर दिया है। इस पत्र में साफ निर्देशित किया गया है कि सुबह में जहां कहीं ग्राम कचहरी और सरपंच द्वारा वंशावली बन रही है उस पर तत्काल रोक लगाया जाए।
दरअसल पंचायती राज विभाग के विशेष कार्य अधिकारी के तरफ से एक पत्र जारी कर कहा गया है कि- बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 90 से 120 तक ग्राम कचहरी एवं उनके न्याय पीठों की स्थापना, शक्तियां,कर्तव्य प्रक्रिया के बारे में प्रावधान है। ग्राम कचहरी का गठन मुख्य रूप से ग्राम पंचायत स्तर पर होने वाले छोटे-मोटे विवादों का सौहार्दपूर्ण निपटारा करने के उद्देश्य किया गया है। बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 एवं बिहार ग्राम कचहरी संचालन नियमावली 2007 में फौजदारी एवं दीवानी मामलों को छोड़कर अन्य किसी तरह के कार्य करने की जिम्मेदारी सरपंच को नहीं है इसी वजह से ग्राम कचहरी या सरपंच द्वारा बनाई गई वंशावली मान्य नहीं होगी।
इस पत्र में यह साफ कह दिया गया है कि सरपंच और ग्राम कचहरी को वंशावली बनाने का कोई अधिकार नहीं है। प्रदेश के कई जिलों से ऐसी शिकायत मिल रही थी कि ग्राम कचहरी या सरपंच द्वारा वंशावली तैयार की जा रही है। इसी आधार पर अंचल कार्यालयों में रैयतों द्वारा पैतृक भूमि के बंटवारे का दावा किया जाने लगा। अलग अलग संस्थाओं से जारी वंशावली से भूमि विवाद बढ़ने लगे हैं। कुछ सालों से बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आने लगे हैं। इसके बाद विभाग को यह आदेश जारी करना पड़ा।
आपको बताते चलें कि, वंशावली की उपयोगिता अक्सर पैतृक जमीन के मामले में अधिक होती है। वंशावली पैतृक भूमि को रैयत के नाम से स्थानांतरण करने में काफी उपयोगी होती है। वंशावली बनाने के बाद स्पष्ट हो जाता है रैयत जिस भूमि पर स्वामित्व का दावा कर रहा है वह उस परिवार का सदस्य है। हालांकि, फिलहाल यह प्रावधान है कि -बिहार ग्राम पंचायत (सचिव की नियुक्ति, अधिकार एवं कर्तव्य) नियमावली 2011 के नियम 10 (21) में प्रावधान है कि पंचायत सचिव पंचायत में एक पारिवारिक पंजी रखेगा, जिसमें पंचायत के हर व्यक्ति के संबंध में आवश्यक विवरण दर्ज किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर यह पारिवारिक पंजी वंशावली बनाने का आधार बन सकता है। यह जिम्मेदारी ग्राम पंचायत सचिव को है।