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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 19 Feb 2023 11:52:31 AM IST
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GOPALGANJ: बिहार की जेलों में कैदियों द्वारा मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना कोई बड़ी बात नहीं है। जेलों में तैनात पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से कैदियों तक मोबाइल फोन पहुंचा दिए जाते हैं। जिसके जरिय कैदी अपने परिजनों से बात तो करते ही हैं जेल में बैठकर बड़े वारदातों को अंजाम देने की प्लानिंग भी करते हैं हालांकि समय समय पर इसको लेकर जिला प्रशासन द्वारा जेलों में छापेमारी भी की जाती है। इस दौरान पुलिस से बचने के लिए कैदी मोबाइल फोन और अन्य सामानों को छिपाने के लिए नए नए तरीके अपनाते हैं। गोपालगंज मंडलकारा में बंद एक कैदी ने तो पुलिस से बचने के लिए मोबाइल ही निगल लिया। तबीयत बिगड़ने के बाद जब उसे अस्पताल में भर्ती किया गया तो पेट में मोबाइल फोन देखकर सभी दंग रह गए।
दरअसल, नगर थाना क्षेत्र के इंदरवा गांव निवासी बाबू जान मियां के बेटे कौसर अली को पुलिस ने नशीले पदार्थ की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कौसर अली साल 2020 से जेल में बंद है। बताया जा रहा है कि कैदी कौसर अली को दो दिन पहले जेल में फेंका हुआ एक छोटा सा मोबाइल मिला था। कैसर के पास पहले से एक सीम कार्ड मौजूद था। उसने सीम कार्ड को मोबाइल में डाला और उसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। कैसर जब मोबाइल पर किसी से बात कर रहा था तभी कुछ पुलिस कर्मी वहां पहुंच गए।
पुलिस से बचने के लिए कैसने ने मोबाइल को अपने मुंह में रख लिया और बाद में उसे निगल गया। दो दिन बाद उसके पेट में दर्द शुरू हो गया। तबीयत बिगड़ने के बाद आनन-फानन में कैसर को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब डॉक्टरों ने कैसर का एक्स-रे किया तो उसके पेट में मोबाइल फोन देखकर सभी हैरान रह गए। डॉक्टरों ने बताया कि फिलहाल कैसर की हालत स्थिर है। कैदी कैसर अली को जांच के लिए हायर सेंटर भेजने की तैयारी शुरू कर दी गई है। कैदी के ऑपरेशन के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है।