1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 10 Dec 2023 08:03:38 AM IST
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PATNA : बिहार कैडर के चर्चित आईपीएस अधिकारी और स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आईजी अमित लोढ़ा की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। खाकी : द बिहार चैप्टर वेब सीरीज से चर्चा में आए आईपीएस अमित लोढ़ा से एसवीयू ने करीब 4 घंटे तक पूछताछ की। इनके ऊपर ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स को मदद पहुंचाने का आरोप है।
मिली जानकारी के अनुसार, आईपीएस अमित लोढ़ा से पूछताछ के दौरान वेब सीरीज बनाने के लिए करोड़ों रुपये का इंतजाम करने से संबंधित भी सवाल दागे गए। साथ ही सरकारी पद के दुरुपयोग से जुड़े कई पहलुओं पर भी सघन पूछताछ की गई। इस दौरान उनसे कई प्रश्नों के जवाब लिखित में भी लिए गए। जबकि कुछ सवालों के मौखिक जवाब दर्ज किए गए। हालांकि पूरी पूछताछ के दौरान लोढ़ा अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते रहे और जांच एजेंसी को ही फिर से जांच करने की सलाह देते रहे।
बताया जाता है कि आईपीएस लोढ़ा जब गया रेंज में आईजी के पद पर थे, तब उन पर पद का दुरुपयोग कर अवैध कमाई करने का आरोप लगा था। उन पर आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार से जुड़े कई आरोप लगे हैं, जिसकी जांच एसवीयू कर रही है। इसके अलावा लोकसेवक अधिनियम की धारा 168 का उल्लंघन करते हुए आईपीएस के पद पर रहने के दौरान ही बिना सरकार से अनुमति लिए व्यवसाय कर मुनाफा कमाने का भी गंभीर आरोप है। शुरुआती जांच में इन सभी आरोपों में दोषी पाए जाने के कारण ही उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
वहीं, सूत्रों के अनुसार एसवीयू ने लोढ़ा से यह भी सवाल किया कि आपने जो बायोग्राफी लिखी उसे कितने सौदे में ओटीटी प्लेटफॉर्म को बेचा गया। इसके लिए राज्य सरकार की अनुमति ली गई या नहीं। वेबसीरीज ‘खाकी : द बिहार चैप्टर’ के लिए वह नेटफ्लिक्स जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म के साथ कब संपर्क में आए। इसके बाद अब वेबसीरीज निर्माण में लगने वाली राशि का इंतजाम करने में उनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।
आपको बताते चलें कि, यह वेबसीरीज पिछले साल 25 नवंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी और खूब पसंद की गई। वेबसीरीज अमित लोढ़ा की लिखी बेस्टसेलर किताब ‘बिहार डायरीज’ पर आधारित है, जो वर्ष 2017 में लिखी गई थी। अमित लोढ़ा पर लोकसेवा अधिनियम के उल्लंघन का आरोप है। जांच सूत्रों के अनुसार, अमित लोढ़ा पर आरोप है कि उन्होंने किताब लेखन और वेबसीरीज निर्माण को लेकर पुलिस मुख्यालय या राज्य सरकार से अनुमति नहीं ली थी। वेबसीरीज के फाइनेंस और शूटिंग से जुड़े मुद्दे को लेकर भी वह कठघरे में हैं।