वैशाली में कोचिंग जा रही छात्रा से छेड़खानी, केस वापस लेने का दबाव, पूरे परिवार को जान से मारने की दी धमकी पुल निर्माण के दौरान मिट्टी धंसने से 10 वर्षीय किशोर की दर्दनाक मौत, बकरी चराने के दौरान हादसा BIHAR: निषाद आरक्षण पर राजनीति तेज, VIP ने BJP पर जनता को बरगलाने का लगाया आरोप मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 12 Dec 2024 07:42:29 PM IST
- फ़ोटो
KHARMAS 2024: 16 दिसंबर, 2024 से खरमास का प्रारंभ हो रहा है। इस दौरान सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे। खरमास लगभग एक माह तक रहेगा और 14 जनवरी, 2025 को समाप्त होगा। इस बीच विवाह समेत अन्य सभी मांगलिक कार्यों पर प्रतिबंध रहेगा।
खरमास में क्या करें क्या ना करें:
खरमास में शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। पूजा-पाठ, दान-पुण्य, जप, तप आदि धार्मिक कार्य करने के लिए खरमास का समय शुभ माना जाता है। खरमास में तीर्थ यात्रा करना भी शुभ माना जाता है। खरमास में गरीबों को अन्न, वस्त्र, धन का दान करना पुण्यदायी माना जाता है।
धार्मिक कार्यों में दें अधिक समय
खरमास आध्यात्मिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण समय है। इस दौरान व्यक्ति को धार्मिक कार्यों में अधिक से अधिक समय देना चाहिए। खरमास में भगवान विष्णु की पूजा और तुलसी की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है। सूर्य देव को अर्घ्य देना और सूर्य मंत्रों का जाप करना शुभ होता है। गुरु, ब्राह्मण और संन्यासियों की सेवा करना भी पुण्यदायी माना जाता है।
खरमास का महत्व:
खरमास को आध्यात्मिक विकास के लिए एक सुनहरा अवसर माना जाता है। इस दौरान व्यक्ति धार्मिक कार्यों में लिप्त होकर अपने आध्यात्मिक स्तर को ऊंचा उठा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तो उसकी स्थिति कमजोर हो जाती है। इसलिए इस अवधि में मांगलिक कार्यों को वर्जित माना जाता है।