PATNA : बिहार में चल रही सियासी सरगर्मी के बीच एक ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है जिस पर नजर जाने के बाद यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या वाकई नीतीश सरकार संकट में फंस गई है? दरअसल नीतीश कैबिनेट की बैठक लंबे अरसे से नहीं हुई है। मई महीने में नीतीश मंत्रिमंडल की कोई बैठक कब तक नहीं हो पाई है। कैबिनेट की आखिरी बैठक अप्रैल महीने में 29 तारीख को हुई थी लेकिन मई महीने में चार मंगलवार गुजर जाने के बावजूद अब तक के कैबिनेट की एक भी मीटिंग नहीं हो पाई है।
नीतीश कैबिनेट की बैठक का नहीं होना सियासी जानकारों के कान खड़े कर रहा है। सियासी जानकारों की माने तो 29 अप्रैल के बाद 3 मई को कैबिनेट की बैठक इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि ईद का त्यौहार था। लेकिन उसके बाद 10 मई और 17 मई को भी कैबिनेट की बैठक नहीं बुलाई गई और अब 24 मई को महीने का चौथा मंगलवार है। ऐसे में क्या कल कैबिनेट की बैठक हो पाएगी इस पर संशय बना हुआ है।
सरकार के कामकाज के लिहाज से कैबिनेट की बैठक बेहद खास होती है। कोरोना जैसी महामारी के बीच भी नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक को आयोजित करना बंद नहीं किया था। भले ही वर्चुअल तरीके से नीतीश कुमार लगातार कैबिनेट की बैठक करते रहे। लेकिन कैबिनेट की बैठक बुलाए जाने को लेकर राजनीतिक शुरू हो गई हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक कई हफ्तों तक नहीं बुलाई हो। महागठबंधन के दौर से लेकर अन्य तरह की पॉलीटिकल क्राइसिस के दौर में कैबिनेट की बैठक चलती रही है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या वाकई नीतीश सरकार किसी संकट में फंस गई है? और इसी वजह से कैबिनेट की बैठक नहीं बुलाई जा रही है।