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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 12 Aug 2023 05:27:13 PM IST
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PATNA: बिहार में शिक्षा विभाग ने सुबह 9 बजे से 4 बजे तक कोचिंग के संचालन पर रोक लगा दी है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के इस फैसले के खिलाफ कोचिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने आज अपनी बातें मीडिया के समक्ष रखी। पटना के वीरचंद पटेल पथ स्थित सोन भवन के आम्रपाली बैंक्वेट हॉल में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के सचिव सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग के इस आदेश से 90 प्रतिशत कोचिंग संस्थान बंद हो जाएंगे। इससे सात लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो जाएंगे। इससे बिहार सरकार को चार हजार करोड़ से ज्यादा की राजस्व की हानि होगी।
पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए कोचिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सचिव सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि बिहार के स्कूलों की स्थिति में सुधार करने के लिए शिक्षा विभाग कई कदम उठा रही है। यह अच्छी बात है। लेकिन कोई बड़ा निर्णय लेने से पहले उसके सभी पहलूओं की समीक्षा भी जरूरी है। शिक्षा विभाग ने राज्यभर में सुबह नौ से चार बजे तक कोचिंग संस्थान को बंद रखने का आदेश दिया है। इस फैसले से पहले सरकार ने कोई मंथन नहीं किया। जिसका नतीजा यह होगा कि बिहार में चलने वाले 90 प्रतिशत कोचिंग बंद हो जाएंगे। यही नहीं चार हजार करोड़ रुपए से ज्यादा राजस्व (जीएसटी) को नुकसान होगा। इसके अलावा सात लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो जाएंगे। जिसके बाद बिहार से बड़े पैमाने पर छात्र-छात्राओं का पलायन होगा।
कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत के सचिव सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि बिहार में देश के बड़े-बड़े कोचिंग आ चुके हैं और कई अगले साल तक और भी आएंगे। यदि सरकार अपने फैसले में बदलाव नहीं करती है तब राज्य को अपूरणीय क्षति होगी। बड़े पैमाने पर फिर से छात्रों का पलायन कोटा और दिल्ली के लिए शुरू हो जाएगा। क्योंकि जेईई, नीट, क्लैट, निफ्ट एंट्रेंस, डिफेंस आदि ऐसे परीक्षाएं हैं जो 12th अपीयरिंग या 12th के तुरंत बाद देनी होती है। IIT-JEE में तो दो ही चांस मिलना है। इसी तरह बैंक, सिविल सर्विस आदि की परीक्षा में ग्रेजुशन के बाद अपीयर होना होता है।
ऐसे में एक डंडे से सभी को नहीं हांका जा सकता है।एसोसिएशन के अनुसार राज्य के स्कूलों के भी कई कैटेगरी हैं। पटना के ही कई स्कूलों में सुबह और शाम में क्लास चलता है। सीबीएसई और आईसीएसई के स्कूलों में अमूमन दो बजे तक कक्षा समाप्त हो जाती है। फिर एक और कैटेगरी है ओपन स्कूल का। इनके बच्चों को ट्यूशन की आवश्यकता होती है। ओपन स्कूल के बच्चे कहां पढ़ेंगे?
सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग का निर्णय भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 का भी उल्लंघन है। यह दोनों अनुच्छे मौलिक अधिकार और व्यवसाय करने का अधिकार देता है। हम जीएसटी दाता हैं तो बाजार मानकों के अनुसार व्यवसाय का अधिकार भी हमें है और हमें इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार शिक्षा में सुधार लाना चाहती है, हम उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने को तैयार हैं। हम सरकार के दृष्टिकोण और तृतीय श्रेणी शहरों में कम उपस्थिति के पीछे के कारणों से सहमत हैं और हम यह घोषणा करने के लिए तैयार हैं कि "न तो हम सरकारी स्कूल के छात्रों को निश्चित समय अवधि (9-12 बजे) में पढ़ाएंगे और न ही किसी सरकारी शिक्षक को हमारी कोचिंग में पढ़ाने की अनुमति देंगे।" और अगर सरकार हमसे कहे तो हम आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की तरह बिहार की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में सुधार के लिए शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के साथ काम कर सकते हैं।
एसोसिएशन के सचिव ने बताया कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के इस आदेश की शिकायत अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से करेंगे। उनके समक्ष अपनी बातें रखेंगे। यदि इस आदेश को वापस नहीं लिया गया तो बिहार में 90 प्रतिशत कोचिंग संस्थान बंद हो जाएंगे। 4 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा राजस्व का नुकसान होगा। इसके अलावे सात लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो जाएंगे। यदि कोचिंग संस्थान बंद हुआ तो बिहार के छात्र-छात्राएं दूसरे प्रदेशों का रुख करेंगे। बिहार से विद्यार्थियों का पलायन शुरू हो जाएगा।