Road Accident: बिहार में दो ट्रकों की भीषण टक्कर में झारखंड चालक की मौत, यूपी चालक की हालत नाजुक Tejaswi Yadav : तेजस्वी यादव ने छात्रों से की बातचीत, कहा- सरकार बनते ही खत्म होगा पेपर लीक और बहाली में देरी दिल्ली में आज NDA की बड़ी बैठक: सीट शेयरिंग पर आखिरी बातचीत, सभी दलों के शीर्ष नेता पहुंचे Bihar Election 2025: मोकामा की राजनीति में धमाकेदार एंट्री की तैयारी ! बाहुबली को टक्कर देगी बाहुबली की पत्नी; इस पार्टी से मिल सकता है मौका BJP candidate list : NDA में सीट बंटवारा का फार्मूला तय, अमित शाह आज तैयार करेंगे BJP कैंडिडेट का फाइनल लिस्ट;इन लोगों का नाम कटना हुआ तय Pawan Singh : करवा चौथ पर ज्योति सिंह का इमोशनल वीडियो वायरल, बोलीं– “पत्नी होने का कर्तव्य निभा रही हूं, मेरी जैसी अभागन कोई न बने” Bihar News: छपरा हत्याकांड का आरोपी गिरफ्तार, पुलिस ने बरामद किया खून से सना चाकू Bihar Election 2025: क्यों नहीं हो पा रहा सीटों का बंटवारा? एनडीए और महागठबंधन दोनों में मंथन जारी; अब इस फार्मूला से होगा फैसला; जानिए Bihar Weather: बिहार से मानसून के विदा होते ही ठंड ने दी दस्तक, इस दिन के बाद तापमान में भारी गिरावट Bihar Crime News: सिगरेट नहीं देने पर दुकानदार की गोली मारकर हत्या, इलाके में तनाव
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 18 Sep 2024 08:09:41 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बन गये प्रशांत किशोर ताबड़तोड़ घोषणाओं का अंबार लगा रहे हैं. प्रशांत किशोर ने अब एक नयी घोषणा की है. यदि उनकी जन सुराज पार्टी सत्ता में आती है तो चुने गये विधायकों की कभी भी विधायकी खत्म करा देंगे. प्रशांत किशोर ने कहा है कि जनता चाहेगी तो चुने गये विधायक और सांसद को वापस बुला लेगी. यानि जन सुराज पार्टी राइट टू रिकॉल की व्यवस्था लागू करेगी.
संविधान में कोई प्रावधान नहीं
बता दें कि भारत के संविधान में राइट टू रिकॉल जैसा कोई प्रावधान नहीं है. विधानसभा या संसद के लिए चुने गये लोग पूरे पांच साल के लिए चुने जाते हैं. दल-बदल कानून का उल्लंघन करने पर उनकी सदस्यता रद्द की जा सकती है लेकिन उन्हें वापस बुलाने का कोई प्रावधान भारत के संविधान में नहीं है. भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के किसी बड़े देश में राइट टू रिकॉल जैसा प्रावधान नहीं है.
प्रशांत किशोर का दावा
संविधान में भले ही ऐसी व्यवस्था न हो, लेकिन प्रशांत किशोर ने ऐलान कर दिया है. प्रशांत किशोर ने कहा है कि उनकी जन सुराज देश की पहली पार्टी होगी जो अपने संविधान में राइट टू रिकॉल यानी चुने हुए प्रतिनिधि को वापस बुलाने का प्रावधान जोड़ेगी. जन सुराज पार्टी अपने संविधान में यह प्रावधान जोड़ रही है, जिससे जनता को अपने चुने हुए प्रतिनिधियों को उनके कार्यकाल के आधे समय यानी ढ़ाई वर्ष के बाद हटाने का अधिकार होगा.
प्रशांत किशोर का दावा है कि अगर कोई जनप्रतिनिधि जन सुराज से जीतता है लेकिन वह जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता है तो जनता के पास यह विकल्प होगा कि जनता उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कर सकती है. इसके तहत अगर एक निश्चित प्रतिशत मतदाता अपने प्रतिनिधि के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाते हैं तो जन सुराज उस प्रतिनिधि को इस्तीफा देने पर मजबूर कर देगा. कितने परसेंट लोग मिलकर ये तय करेंगे कि विधायक या सांसद को हटाना है इस पर अभी जन सुराज की संविधान सभा में चर्चा चल रही है. 2 अक्टूबर को जब पार्टी की घोषणा होगी, तो इसे जन सुराज के प्रावधानों में जोड़ दिया जाएगा.
पीके के दावों की हकीकत समझिये
प्रशांत किशोर कह रहे हैं कि अगर जन सुराज से कोई विधायक-सांसद जीतता है तो उसे वापस बुलाने का अधिकार जनता को होगा. सवाल ये है कि किन लोगों ने उनकी पार्टी को वोट दिया, इसे पता लगाने की कोई व्यवस्था नहीं है. एक विधानसभा क्षेत्र में करीब तीन लाख से ज्यादा वोटर होते हैं.
अगर 50 परसेंट लोगों के कहने पर विधायक को हटाया जायेगा तो उसके लिए कम से कम डेढ़ लाख लोगों को जुटाना होगा. प्रशांत किशोर हर क्षेत्र में डेढ़ लाख वोटरों को जुटायेंगे. अगर डेढ लाख लोग जुट भी जायें और विधायक को इस्तीफा देने को कहेंगे तो भी उनकी बात मानने की कोई मजबूरी विधायक की नहीं होगी. संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि एक बार चुना गया विधायक किसी के भी कहने पर इस्तीफा देने को बाध्य हो.
जाहिर है सत्ता का स्वाद चखने की बेचैनी ऐसी घोषणायें करवा रही हैं, जो कभी पूरी नहीं होने वाली हैं. प्रशांत किशोर किसी सूरत में बिहार में अपनी सियासी जड़े जमाना चाहते हैं लेकिन फिलहाल उन्हें सफलता मिलती नहीं दिख रही है.