ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025 : Bihar Election 2025: दिल्ली में कांग्रेस की बड़ी बैठक, तेजस्वी यादव-राहुल गांधी की मुलाकात से तय हो सकता है सीट शेयरिंग फॉर्मूला Bihar News: दिसंबर तक बिहार से इन राज्यों के लिए कई जोड़ी स्पेशल ट्रेनों का ऐलान, लिस्ट जारी.. UPI New Rule: UPI में बड़ा बदलाव, इस दिन से मिलेगा नया फिचर, अब ऑटोपेमेंट्स और बिल्स को ऐसे मैनेज करना होगा आसान Bihar Election 2025: मोकामा की राजनीति में दिखेगा नया रंग,दो बाहुबलियों की लड़ाई में किसे चुनेगी जनता; एक ही कास्ट पर दोनों की पकड़ Bihar Election 2025: राजधानी के आसमान में छाया चुनावी रंग, रोजाना उड़ेंगे 17 हेलीकॉप्टर, तैयारियों में जुटी एयरपोर्ट अथॉरिटी Bihar News: बिहार के इस जिले से गुजरेगा 6 लेन एक्सप्रेस-वे, जमीन अधिग्रहण का काम शुरू Bihar News: अब ट्रैफिक से मिलेगी राहत, यह बाइपास हुआ शुरु; आरा-पटना और नेपाल जाना हुआ आसान Bihar Weather: बिहार में इस बार सर्दी तोड़ेगी कई वर्षों का रिकॉर्ड, मौसम विभाग ने लोगों को किया सावधान Bihar Election 2025: पहले चरण के लिए इतने जिलों में ईवीएम-वीवीपैट का रैंडमाइजेशन पूरा, दूसरे चरण की तारीख तय, जानें पूरी डिटेल 'क्या झूठ बोलकर बॉस से छुट्टी लेना पाप है?' इस सवाल का प्रेमानंद महाराज ने दिया बड़ा ही रोचक जवाब

कुशवाहा को मजबूत करना भाजपा को पड़ा महंगा ! सवर्ण, कोइरी और पासवान हुए BJP से नाराज, समीक्षा बैठक में हुआ खुलासा

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 14 Jun 2024 09:07:54 AM IST

कुशवाहा को मजबूत करना भाजपा को पड़ा महंगा ! सवर्ण, कोइरी और पासवान हुए BJP से नाराज, समीक्षा बैठक में हुआ खुलासा

- फ़ोटो

PATNA : लोकसभा चुनाव में भाजपा को न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार में भी झटका लगा है। यहां पिछले बार के मुकाबले इस बार एनडीए को 9 सीटों का नुकसान हुआ है। इनमें से अधिकतर सीट मगध और शाहाबाद इलाकों में है। ऐसे में भाजपा की समीक्षा बैठक में हर रोज नई-नई बातें निकलकर सामने आ रही है। पिछले दिनों यह बात है सामने आई की जदयू का वोट भाजपा को नहीं मिला उसके बाद अब यह बात निकल कर सामने आई है कि कुशवाहा समाज के गोलबंदी से राजपूत समाज भाजपा से नाराज हो गया और कोइरी,सवर्ण और पासवान समाज में भी नाराजगी देखने को इस बार मिला।


दरअसल, लोकसभा चुनाव में दक्षिण बिहार में बीजेपी को मिली हार पर भारी मंथन हो रहा है और इसमें पार्टी की रिपोर्ट से जो बातें सामने आई है उसमें यह बताया गया है कि आखिकार भाजपा के मूल वोटर उनसे इस बार क्यों छिटकने लगे और नुकसान उठाना पड़ा। इसमें कहा गया है कि इस बार भाजपा ने कुशवाहा समाज को साथ लाने की तो भरपूर कोशिश लेकिन उसके इस प्रयास से कोइरी, सवर्ण और पासवान समाज के लोग उनसे दूर हो गए।  


पार्टी के रिपोर्ट में कहा गया है कि औरंगाबाद में आरजेडी का कोइरी फैक्टर काम कर गया। इससे काराकाट में पवन सिंह के निर्दलीय लड़ने से राजपूत उनके पक्ष में हो गए और कुशवाहा वोटर एनडीए से छिटककर महागठबंधन में चले गए। इसका असर आसपास की सीटों आरा, बक्सर, सासाराम में भी देखने को मिला। वहीं, कुछ सवर्ण जातियों और पासवान वोटरों के भी एनडीए से नाराज होने पर बीजेपी एवं जेडीयू को नुकसान हुआ।


वहीं, इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बिहार में बीजेपी का वोट शेयर भी घट गया। 2019 में बीजेपी को 24 फीसदी वोट मिले थे और 17 में से 17 सीटें पार्टी ने जीती थी। वहीं, 2024 के चुनाव में बीजेपी को 20.52 फीसदी वोट ही मिले और 12 सीटों पर ही जीत मिल पाई। सहयोगी पार्टी जेडीयू के वोट शेयर में भी पिछले चुनाव के मुकाबले 4 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं, दूसरी ओर आरजेडी ने इस चुनाव में सिर्फ चार सीटें जीतीं, लेकिन 22.14 प्रतिशत वोट शेयर मिला, जो राज्य के सभी राजनीतिक दलों में सबसे अधिक है। लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए को बिहार में 45.52% वोट मिले, जबकि महागठबंधन का वोट शेयर 36.47% रहा। 


इसके अलावा बीजेपी की आंतरिक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीजेपी ने स्थानीय उम्मीदवारों की अनदेखी कर बाहरियों को टिकट दिया, जिसका असर भी चुनाव नतीजों पर पड़ा। सासाराम में छेदी पासवान की जगह शिवेश राम, जबकि बक्सर में मौजूदा सांसद अश्विनी चौबे का टिकट काटकर मिथिलेश तिवारी को उम्मीदवार बनाया गया। इससे बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं का जोश कम हो गया। साथ ही एनडीए के परंपरागत सवर्ण, कुर्मी, पासवान जैसी जातियों के वोट भी विरोधी उम्मीदवारों के पक्ष में चले गए।