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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 13 Sep 2024 09:36:26 AM IST
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PATNA : सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में केंद्रीय चयन पर्षद के तत्कालीन अध्यक्ष और बिहार के पूर्व डीजीपी एसके सिंघल की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। इस मामले की जांच कर रही ईओयू ने केंद्रीय चयन पर्षद के तत्कालीन अध्यक्ष सह पूर्व डीजीपी सिंघल को दोषी पाया है। उन पर लापरवाही और नियमों की अनदेखी के आरोप लगे हैं। इसके बाद अब ईओयू ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। एडीजी ने डीजीपी को इस संबंध में पत्र भेजा है।
दरअसल, सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में अब एक बड़ा खुलासा हुआ है। इओयु के तरफ से कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में बड़ी बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि बिहार के पूर्व डीजीपी और केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के तत्कालीन अध्यक्ष एसके सिंघल ने मोटी रकम ली है। यह पैसा प्रिंटिंग प्रेस मालिक से कमीशन के रूप में लिया गया। इओयु की ओर से कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में इसका जिक्र है।
इसके साथ ही ईओयू ने यह भी पाया है कि पर्षद के तात्कालिक अध्यक्ष ने लापरवाही के अलावा नियमों एवं मानकों की अनदेखी की। उन्होंने अपने दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया, जिसकी वजह से सुनियोजित तरीके से एक संगठित आपराधिक गिरोह ने पेपर लीक किया। जांच एजेंसी का मानना है कि सिंघल के दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के कारण परीक्षा की गोपनीयता और सत्यनिष्ठा को बनाए रखने के लिए निर्धारित मानकों की अनदेखी की गई। इस कारण पेपर लीक हुआ था। इसलिए इनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है। इस अनुशंसा के मद्देनजर अब डीजीपी और राज्य सरकार को अंतिम रूप से निर्णय लेना है।
मालूम हो कि, सिंघल ने एक कमरे में चलने वाली प्रिंटिंग प्रेस 'कालटेक्स मल्टीवेंचर' को 10% कमीशन लेकर प्रश्नपत्र छापने का ठेका फिजिकल वैरिफिकेशन किए बिना ही दे दिया था। हालांकि, इसको लेकर एसके सिंघल से पूछताछ की गई है। लेकिन, मामले की जांच कर रही EOU सिंघल के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं।इतना ही नहीं बल्कि ब्लेसिंग सेक्सयोर के निदेशक कौशिक कर और कालटेक्स के निदेशक सौरभ बंदोपाध्याय ने अपने बयान में इस बात को स्वीकारा है कि 2022 में मद्यनिषेध सिपाही भर्ती का विज्ञापन निकला था, तब दोनों तत्कालीन अध्यक्ष से मिले थे। कंपनी कालटेक्स को इस शर्त पर ठेका दिया गया कि हमें 10% कमीशन देना होगा। तत्कालीन अध्यक्ष ने कालटेक्स के साथ एक साल का करार किया। इसी दौरान 2023 में सिपाही बहाली का विज्ञापन निकला।
दरअसल, राज्य में 1 अक्टूबर 2023 को सिपाही के 21 हजार से अधिक पदों पर बहाली के लिए परीक्षा हुई थी। परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले इसका प्रश्न-पत्र वायरल हो गया था। इस पूरे मामले की जांच करने के लिए 31 अक्टूबर 2023 को ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो की अगुवाई में 22 सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया गया था। यह टीम इस मामले से संबंधित कई बातों की जांच कर रही है। इस मामले में कई अब तक कई संवेदनशील जानकारी जांच टीम के हाथ लग चुकी है। ऐसे में अब मामला सामने आया है।
उधर, यह मामला सामने आने के बाद सिंघल से पहली बार पूछताछ के लिए जांच टीम 8 अप्रैल को उनके आवास पर गई थी। उन्होंने सेहत खराब होने का हवाला दिया। इसके बाद उन्हें 44 प्रश्नों की प्रश्नावली भेजी गई। सिंघल के जवाब से ईओयू संतुष्ट नहीं हैं। जांच के दौरान एसके सिंघल से ईओयू की टीम तीन से चार बार पूछताछ कर चुकी है। इस दौरान कई तथ्यों पर उन्हें दोषी पाया गया है। गौरतलब है कि बहाली परीक्षा की गोपनीयता, विश्वसनीयता, अखंडता और सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी अध्यक्ष की थी।