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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 23 Dec 2024 11:35:27 PM IST
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साल 2024 अब समाप्ति की ओर है, और इसी के साथ पौष मास की अंतिम और विशेष एकादशी भी आ रही है। इसे सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन के सारे कष्ट और बाधाएं समाप्त होती हैं। साथ ही, सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कब है सफला एकादशी?
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने बताया कि साल 2024 की अंतिम एकादशी 26 दिसंबर, गुरुवार को है।
एकादशी तिथि की शुरुआत: 25 दिसंबर रात 11:05 बजे।
एकादशी तिथि का समापन: 26 दिसंबर रात 10:54 बजे।
चूंकि 26 दिसंबर को उदया तिथि है, इसलिए इसी दिन व्रत और पूजा करना शुभ रहेगा।
सफला एकादशी पर विशेष योग
इस साल सफला एकादशी पर स्वाति नक्षत्र के साथ सुकर्मा और धृती योग का संयोग बन रहा है। इन शुभ योगों के कारण इस एकादशी का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह ग्रह स्थिति व्रत और पूजा करने वालों के लिए विशेष लाभकारी मानी जाती है।
सफला एकादशी की पूजा विधि
स्नान और संकल्प:
सुबह जल्दी स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु का ध्यान करें।
पूजा सामग्री:
दूध, दही, शहद, गुड़ और घी से भगवान विष्णु का अभिषेक करें।
प्रिय पुष्प कनेर और तुलसी अर्पित करें।
विधि-विधान से पूजा करें:
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पंचोपचार विधि से पूजा करें।
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
भगवान को उनका प्रिय भोग अर्पित करें।
दान और भजन:
जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करें।
विष्णु भगवान के भजन और कीर्तन करें।
सफला एकादशी का महत्व
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, सफला एकादशी का व्रत करने और पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
जीवन के सभी कष्ट और बाधाएं समाप्त होती हैं।
सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है।
आने वाला नया साल 2025 उन्नति और खुशियों से भर जाता है।
सफला एकादशी के दिन पूरे नियम और श्रद्धा के साथ व्रत और पूजा करें। भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस दिन सात्विक आहार और पवित्र आचरण बनाए रखें।