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1st Bihar Published by: Updated Mon, 30 Mar 2020 07:02:36 AM IST
                    
                    
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DELHI :
“क्या आप सिस्टर छाया बोल रही हैं?”
“हां, बोल रही हूं.”
“मैं प्रधानमंत्री आवास से बोल रहा हूं. प्रधानमंत्री जी आपसे बात करना चाहते हैं.”
फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टेलीफोन लाइन पर आते हैं.
“नमस्ते, सिस्टर छाया. कैसी हैं आप.”
ये उस वार्तालाप की शुरूआत है, जो इन दिनों देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कर रहे हैं. पिछले एक सप्ताह से भारत के प्रधानमंत्री हर दिन देश भर के सैकड़ों फोन कॉल कर रहे हैं. जैसे कि सिस्टर छाया, जो महाराष्ट्र के पूणे के नायडु अस्पताल में नर्स हैं. शनिवार की शाम जब उनके मोबाइल पर दिल्ली से कॉल आ रही थी तो सिस्टर छाया ने कल्पना भी नहीं की थी कि देश के प्रधानमंत्री उनसे बात करने वाले हैं. प्रधानमंत्री का मकसद कोरोना से लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों का हौंसला बढ़ाना था.
बातचीत की शुरूआत करते ही प्रधानमंत्री ने सबसे पहले परिवार का हाल पूछा. “और बताइये, परिवार में क्या सब चल रहा हैं. परिवार के लोग जरूर परेशान होंगे, आप अस्पताल में काम कर रही हैं. प्रधानमंत्री सिस्टर छाया से पूछ रहे थे.
“हां सर, लेकिन हमें तो काम पर आना ही पड़ेगा. किसी तरह से उन्हें समझा कर रख रही हूं.”
“लोग डर रहे होंगे.” प्रधानमंत्री बोल रहे थे. “लेकिन डरने का नहीं. ये हमारा मैसेज हैं पूरा देश आपके साथ है.”
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक वरीय अधिकारी के मुताबिक ये उन फोल कॉल में से एक है जो नरेंद्र मोदी हर रोज कर रहे हैं. पिछले सप्ताह लॉकडाउन के एलान के बाद प्रधानमंत्री हर रोज खुद 150 से 200 फोन कॉल कर रहे हैं. वे स्वास्थ्यकर्मियों का हौंसला बढ़ा रहे हैं. चिकित्सा सेवाओं का हाल जान रहे हैं और लोगों को बता रहे हैं कि अगर वे आवश्यक सेवा में नहीं लगे हैं तो घर से बाहर नहीं निकले. प्रधानमंत्री खुद अपने आवास 7, लोक कल्याण मार्ग से पिछले एक सप्ताह से बाहर नहीं निकले हैं.
प्रधानमंत्री का आवास 7, लोक कल्याण मार्ग इन दिनों सुबह 4 बजे से देर रात तक आपात स्थिति से जूझने में लगा है. प्रधानमंत्री का आवास सह कैंप कार्यालय पहले 7, रेस कोर्स रोड के नाम पर जाना जाता था. इस आवास में हर वो संसाधन मौजूद हैं जिनसे देश से चलाया जा सके. प्रधानमंत्री आवास के अंदर ही पंचवटी बंगला है, जहां की तस्वीरें आपने हाल में ही देखी होगी. इसी पंचवटी बंगले में प्रधानमंत्री ने लॉक डाउन की घोषणा के बाद कैबिनेट की बैठक की थी और सारे मंत्री एक दूसरे से दूरी बना कर बैठे दिख रहे थे.
“प्रधानमंत्री बनने के बाद कैबिनेट की बैठक के लिए नरेंद्र मोदी इसी पंचवटी बंगले का उपयोग कर रहे हैं.” पीएमओ के एक अधिकारी ने बताया. “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सामान्य कामकाज के लिए हमेशा लोक कल्याण मार्ग के अपने आवास सह कार्यालय का उपयोग किया है. साउथ ब्लॉक में बने प्रधानमंत्री कार्यालय में वे सप्ताह में एक-दो बार ही जाते रहे हैं.” हालांकि लॉक डाउन के बाद मोदी पूरी तरह से अपने आवास से ही काम कर रहे हैं.
“भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया आपात स्थिति से जूझ रही है.” केंद्र सरकार के मुख्य प्रवक्ता के एस धतवालिया ने कहा. “जहां तक मेरी यादाश्त है, ये रहली दफे है जब प्रधानमंत्री 21 दिनों तक पूरी तरह दिल्ली में ही मौजूद रहेंगे. मेरी समझ से पिछले 6 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 दिनों तक दिल्ली में मौजूद रहें.” दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शेड्यूल शुरू से काफी व्यस्त रहा है. वे लगातार देश से लेकर विदेश तक दौरा करते रहे हैं.
प्रधानमंत्री की तरह ही उनके प्रधान सचिव पी के मिश्रा घर से काम कर रहे हैं. लेकिन वे उन दो अधिकारियों में से एक हैं जिनसे प्रधानमंत्री हर रोज मिल रहे हैं. पी के मिश्रा के अलावा कैबिनेट सचिव राजीव गौबा पीएम से हर रोज मिल रहे हैं. राजीव गौबा देश के सबसे सीनियर अधिकारी हैं. इन दोनों अधिकारियों के साथ कोरोना को लेकर रणनीति पर अमल करने के अलावा प्रधानमंत्री हर रोज मंत्रियों के उस समूह से भी चर्चा कर रहे हैं जो कोरोना को लेकर बनाया गया है. इस मंत्रिमंडल समूह के प्रमुख स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन हैं प्रधानमंत्री हर रोज देश और दुनिया के नेताओं से लगातार फोन पर बात कर रहे हैं.
PMO के मुताबिक प्रधानमंत्री टेलीफोन पर राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ लगातार बात कर रहे हैं. इसके अलावा नरेंद्र मोदी देश के अलग-अलग हिस्सों के डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों और साफ-सफाई से जुड़े लोगों के साथ भी बातचीत करते हैं. प्रधानमंत्री कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सामाजिक जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों से भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात करते हैं. वे उन लोगों से भी बात कर रहे हैं जो कोरोना वायरस के संक्रमण का सामना कर रहे हैं या इससे उबर चुके हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी के मुताबिक अपने आवास पर कैंप कर रहे नरेंद्र मोदी का काम कम नहीं हुआ है बल्कि बढ़ा हुआ लग रहा है. वे हर रोज सुबह चार बजे जाग रहे हैं और उसके बाद से ही उनका काम शुरू हो जा रहा है.
हालांकि ये आसान बात नहीं है कि लेकिन नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री से जुड़े कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम लागू कर दिया है. प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात SPG पर भी ये लागू किया गया है. एक अधिकारी के मुताबिक अगर पहले प्रधानमंत्री कार्यालय में होने वाली मीटिंग में तीन स्टाफ जाते थे तो अब सिर्फ एक जा रहा है.