ब्रेकिंग न्यूज़

बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: बिहार के स्कूल-कॉलजों में खुलेगी डिजिटल लाइब्रेरी, इतने करोड़ खर्च करेगी नीतीश सरकार

मां कात्‍यायनी को समर्पित है नवरात्रि का छठा दिन, जानें पूजा विधि, भोग और मंत्र

1st Bihar Published by: Updated Fri, 04 Oct 2019 07:17:21 AM IST

मां कात्‍यायनी को समर्पित है नवरात्रि का छठा दिन, जानें पूजा विधि, भोग और मंत्र

- फ़ोटो

DESK ; मां दुर्गा के छठे स्वरुप का नाम है कात्यायनी. नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा अर्चना की जाती है. माँ कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था अतः इनको कात्यायनी कहा जाता है. मान्यता है कि मां का यह स्वरूप सुख और शांति प्रदान करने वाला है. अविवाहितों को देवी की पूजा करने से अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है. मां कात्‍यायनी की उपासना से रोग, शोक, संताप और भय नष्‍ट हो जाते हैं.


मां कात्‍यायनी का पसंदीदा रंग और भोग :-

मां कात्‍यायनी को पसंदीदा रंग लाल है. नवरात्रि के छठे दिन पूजा करते वक्‍त मां कात्‍यायनी को शहद का भोग लगाना शुभ माना जाता है.   


कैसे करें मां कात्‍यायनी की पूजा अर्चना :-

- नवरात्रि के छठे दिन यानी कि षष्‍ठी को स्‍नान कर लाल या पीले रंग के वस्‍त्र पहनें.

- सबसे पहले घर के पूजा स्‍थान नया मंदिर में देवी कात्‍यायनी की प्रतिमा या चित्र स्‍थापित करें. 

- अब गंगाजल से छिड़काव कर शुद्धिकरण करें. 

- अब मां की प्रतिमा के आगे दीपक रखें

- अब हाथ में फूल लेकर मां को प्रणाम कर उनका ध्‍यान करें. 

- इसके बाद उन्‍हें पीले फूल, कच्‍ची हल्‍दी की गांठ और शहद अर्पित करें. 

- धूप-दीपक से मां की आरती उतारें. 

- आरती के बाद सभी में प्रसाद वितरित कर स्‍वयं भी ग्रहण करें.


मां की उपासना का मंत्र :-

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहन ।

कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी ॥