ब्रेकिंग न्यूज़

पुल निर्माण के दौरान मिट्टी धंसने से 10 वर्षीय किशोर की दर्दनाक मौत, बकरी चराने के दौरान हादसा BIHAR: निषाद आरक्षण पर राजनीति तेज, VIP ने BJP पर जनता को बरगलाने का लगाया आरोप मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर

महा अष्टमी व्रत आज, जानें मुहूर्त और मां महागौरी की पूजा विधि

1st Bihar Published by: Updated Wed, 01 Apr 2020 09:00:08 AM IST

महा अष्टमी व्रत आज, जानें मुहूर्त और मां महागौरी की पूजा विधि

- फ़ोटो

DESK : नवरात्रि के 9 दिनों में अष्टमी का दिन बेहद खास महत्व रखता है. इस लिए इसे महाष्टमी कहा जाता है. इस दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है. महागौरी मां पार्वती का दूसरा नाम है. दुर्गाष्टमी के दिन विधि विधान से महागौरी की पूजा की जाती है. इस दिन बहुत से भक्त उपवास रखते है. ऐसा माना  जाता है की जो भक्त पुरे नौ दिनों का व्रत नहीं रख सकते वो नवरात्र के पहले दिन और अष्टमी का व्रत रखें तो उनके भी सरे मनोरथों को मां पूरा करती है. महागौरी के पूजन से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. सुख, समद्धि के साथ सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. माता महागौरी की कृपा से भक्तों के असंभव लगने वाले कार्य भी संभव हो जाते हैं.

मां महागौरी का स्वरुप

मां दुर्गा की आठवीं शक्ति देवी महागौरी का स्वरूप अत्यंत सौम्य है. मां गौरी का रूप बेहद सरस, सुलभ और मोहक है. देवी मां का वर्ण अत्यंत गौर हैं. मां हमेशा सफेद वस्त्र और आभूषण धारण करती है. इनकी चार भुजाएं हैं. देवी के दाहिने ओर के एक हाथ में त्रिशूल है और दूसरा हाथ  अभय मुद्रा में भक्तों को आशीर्वाद देते हुए है .वहीं बाएं ओर के ऊपर वाले हाथ में डमरू और नीचे वाले हाथ वर मुद्रा में है. महागौरी का वाहन बैल है. इनका स्वभाव अति शांत है. 

पूजा विधि

महाष्टमी के दिन स्नान आदि से मुक्त होकर, पूजा स्थान की साफ सफाई करने के बाद पूजा प्रारंभ करें. देवी को अक्षत्, सिंदूर, धूप, गंध आदि चढ़ाएं. पुष्प में मां को लाल गुलाब चढ़ाना न भूलें. मां को लाल पुष्प अति प्रिय है. आज के दिन सुहागिन स्त्रियां देवी मां को सुहाग की चीज़े अर्पित करती है और माता को चुनरी भेंट करती हैं. महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और अपने पति की मंगलकामना के लिए ऐसा करती हैं.

माता का मंत्र

सर्वमंगल मंग्ल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके। 

शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तुते II 

इस मंत्र का 108 बार जप करें 

महागौरी की कथा     

भगवान शिव की प्राप्ति के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी जिससे इनका शरीर काला पड़ गया था. जब भगवान शिव ने प्रसन्न हो कर देवी को दर्शन दिया तब उनकी कृपा से इनका शरीर अत्यंत गौर हो गया, जिस कारण इनका नाम गौरी पड़ा. माना जाता है कि माता सीता ने श्री राम की प्राप्ति के लिए इन्ही की पूजा की थी.