1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 27 Apr 2024 01:55:46 PM IST
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DESK : 'मामा' के नाम से फेमस भाजपा नेता को लेकर एक अच्छी खबर सामने आ रही है। भाजपा के इस कद्दावर नेता की एंट्री राष्ट्रीय राजनीति में होने वाली है। इस बात का हिंट खुद पीएम मोदी ने दिया है। एक रैली के दौरान पीएममोदी ने कहा था कि वह शिवराज सिंह चौहान को दिल्ली यानी कि केंद्र में ले जाना चाहते हैं। अब पीएम के इस बयान के बाद कयासों का बाजार गर्म है।
दरअसल, शिवराज सिंह चौहान इस दफे विदिशा से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इस शहर को उनका गढ़ माना जाता है। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रताप भानु शर्मा से है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि कांग्रेस अबतक यहां से मात्र दो दफे ही लोकसभा चुनाव जीत पाई। पहली बार कांग्रेस यहां 1980 से चुनाव जीती थी। उसके बाद 1984 में आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी की जीत और बाद में उनकी मृत्यु के कारण पैदा हुई सहानुभूति लहर के दम पर यह सीट कांग्रेस जीत पाई थी।
ऐसे में अब मध्य प्रदेश के हरदा में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा करते हुए कहा कि पार्टी संगठन में हो या फिर मुख्यमंत्री रहते हुए, हमने साथ-साथ काम किया है। पीएम मोदी ने रैली में कहा, "जब शिवराज संसद गए थे, तब मैं पार्टी महासचिव के रूप में साथ काम कर रहा था। अब मैं उन्हें एक बार फिर अपने साथ दिल्ली ले जाना चाहता हूं।" ऐसे में अब पीएम की बात से यह संकेत मिल रहा है कि इनको कोई बड़ा पद दिया जा सकता है।
मालूम हो कि, शिवराज सिंह चौहान अपना छठा लोकसभा चुनाव विदिशा से लड़ रहे हैं। इस सीट का प्रतिनिधित्व दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी (1991) और सुषमा स्वराज (1991,2009 और 2014) जैसे भाजपा के दिग्गज नेता कर चुके हैं। रामनाथ गोयनका 1971 में इस सीट से सांसद चुने गए थे। अपने नाम की घोषणा के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह सीट उन्हें वाजपेयी ने सौंपी थी और यह खुशी की बात है कि उन्हें 20 साल बाद फिर से इसका प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल रहा है। चौहान ने कहा था, ''भाजपा मेरी मां है, जिसने मुझे सब कुछ दिया है।''
आपको बताते चलें कि, विदिशा लोकसभा सीट के आठ विधानसभा सीटों में से सात पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है। 2009 के लोकसभा चुनाव में सुषमा स्वराज करीब 3.90 लाख वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। ऐसे में भाजपा को अपने वैचारिक संरक्षक के दबाव में शिवराज सिंह चौहान को इस सीट से मैदान में उतारने के लिए मजबूर होना पड़ा।