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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 19 Jul 2024 04:45:21 PM IST
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DELHI: पिछले कई सालों से खुद को नरेंद्र मोदी का हनुमान बताते आ रहे चिराग पासवान भी पलटी मार गये हैं? चिराग पासवान ने आज बीजेपी सरकार के फैसले का खुला विरोध कर दिया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा-मैं जाति या धर्म के आधार पर विभाजन वाले किसी फैसले का समर्थन नहीं कर सकता.
योगी सरकार के फैसले का विरोध
दरअसल ये मामला उत्तर प्रदेश का है. सावन का महीना शुरू होने वाला है औऱ इस महीने में कांवड़ यात्रा होने वाली है. यूपी सरकार ने ये फैसला लिया है कि कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों को अपना नाम लिखना होगा. यूपी की बीजेपी सरकार के इस फैसले का उसकी सहयोगी पार्टियां ही विरोध करने लगी हैं. पहले जेडीयू ने इसका विरोध किया और अब चिराग पासवान भी मैदान में उतर आये हैं. एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने योगी सरकार के फैसले को गलत ठहराया है. चिराग पासवान ने कहा कि मैं 21वीं सदी का शिक्षित युवा हूं और मेरी लड़ाई जातिवाद और सांप्रदायिकता के खिलाफ है. मैं अपने राज्य के पिछड़ेपन के लिए इसी कारण को जिम्मेदार मानता हूं. जहां कहीं भी जाति और धर्म के आधार पर विभाजन है, मैं न तो उसका समर्थन करूंगा और न ही उसे बढ़ावा दूंगा और मुझे नहीं लगता कि मेरी उम्र के किसी अन्य शिक्षित युवा के लिए ऐसी चीजें मायने रखती हैं, चाहे वह किसी भी जाति और धर्म से संबंधित हो.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में सबसे पहले पुलिस प्रशासन ने निर्देश दिया था कि कांवड़ रूट पर पड़ने वाली दुकानों पर दुकानदारों के नामों का बोर्ड लगवाना होगा. इसके बाद शामली और सहारनपुर जिले में भी ठीक ऐसा ही निर्देश दिया गया. पुलिस प्रशासन के आदेश के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि प्रदेशभर में कांवड़ रूट पर खाने-पीने की दुकानों के मालिक का नाम पहचान लिखना होगा. यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों की आस्था की शुद्धता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है. यूपी सरकार ने इसके अलावा हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट्स बेचने वालों पर भी कार्रवाई की बात कही है.
यूपी सरकार के इस फैसले पर सपा, बसपा, कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों ने इसका विरोध जताया है. अखिलेश यादव ने बीजेपी को सामाजिक सद्धाव का दुश्मन करार दिया है. वहीं, मायावती ने भी इस आदेश को वापस लेने की मांग की थी. लेकिन सरकार अपना फैसला वापस लेने को तैयार नहीं है.
अब बीजेपी की सहयोगी पार्टियां भी इसका विरोध करने लगे हैं. गुरूवार को चिराग पासवान ने इसे गलत करार दिया. इससे पहले जेडीयू ने कहा कि इस फैसले को वापस लिया जाना चाहिये. जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने वाला कोई भी आदेश नहीं जारी किया जाना चाहिए. वहीं, उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सहयोगी पार्टी आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने कहा है कि उत्तर प्रदेश प्रशासन का दुकानदारों को अपनी दुकानों पर नाम और धर्म लिखने का निर्देश देना जाति और संप्रदाय को बढ़ावा देने वाला कदम है. इसे वापस लिया जाना चाहिये.