ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: पूर्व BJP विधायक के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी, अश्विनी चौबे पर भी मुकदमा दर्ज Bihar News: गंडक नदी में घड़ियालों की बेतहाशा बढ़ोतरी, 10 साल में 1000 के पार पहुंची संख्या Bihar News: सब्जी मंडी में युवक को दबंगई पड़ी भारी, एसएसबी जवान और पुलिस अधिकारी से हाथापाई के बाद गिरफ्तार Bihar News: यातायात पुलिस के 24 कर्मियों पर गिरी गाज, SP ने इस कारण किया निलंबित Bihar Crime News: लखीसराय में डबल मर्डर, मुखिया और वार्ड सदस्य को मारी गोली Bihar Crime News: आपसी विवाद में युवक की चाकू मारकर हत्या, छह हिरासत में Bihar News: राजस्व विभाग की जांच में बड़ा खुलासा, जरूरतमंदों को नहीं दी गई जमीन Bihar News: दीघा-कोइलवर फोरलेन निर्माण में खर्च होंगे 5500 करोड़, इतने साल में पूरा होगा काम; मॉडल तय बिहार बदलाव यात्रा के तहत गोपालगंज के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रशांत किशोर, पहले दिन चार जनसभाओं को किया संबोधित छपरा और सीवान पहुंचे तेजस्वी यादव ने शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि, परिजनों से हर संभव मदद का किया वादा

मोदी सरकार ने लोकसभा में श्वेत पत्र पेश किया, UPA के आर्थिक कुप्रबंधन पर सदन में होगी चर्चा

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 08 Feb 2024 05:57:36 PM IST

मोदी सरकार ने लोकसभा में श्वेत पत्र पेश किया, UPA के आर्थिक कुप्रबंधन पर सदन में होगी चर्चा

- फ़ोटो

DELHI: देश में तत्कालीन यूपीए सरकार के दौरान कथित आर्थिक कुप्रबंधन के खिलाफ मोदी सरकार ने लोकसभा में श्वेत पत्र पेश किया है। सरकार की तरफ से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में श्वेत पत्र पेश किया। सरकार के इस श्वेत पत्र पर कल यानी शुक्रवार की दोपहर सदन में चर्चा हो सकती है।


दरअसल, मोदी सरकार की तरफ से जो श्वेत पत्र सदन में लाया गया है, उसके जरिए केंद्र की एनडीए सरकार सांसदों को बताएगी कि साल 2014 से पहले जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी, उस वक्त किस तरह के शासन, आर्थिक संकट थे। इसके साथ ही यह भी बताया जाएगा कि मोदी सरकार ने देश को आर्थिक संकट से उबारने के लिए क्या कदम उठाए।


नरेंद्र मोदी सरकार ने श्वेत पत्र में कहा है कि UPA सरकार ने देश की आर्थिक नींव कमजोर की, यूपीए काल में रुपए में भारी गिरावट हुई थी, बैंकिंग सेक्टर संकट में आ गया था, विदेशी मुद्रा भंडार कम हुआ था, भारी कर्ज लिया गया था और राजस्व का गलत इस्तेमाल किया गया था। श्वेत पत्र पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन को बताया कि इसमें यूपीए शासन के वित्तीय कुप्रबंधन और एनडीए शासन की वित्तीय समझदारी के बीच एक तुलनात्मक विश्लेषण होगा।