ब्रेकिंग न्यूज़

क्या यही शराबबंदी है? पेट्रोल के टैंकर से 10 लाख की विदेशी शराब बरामद झारखंड में रेल हादसा: दीवार तोड़ खड़ी ट्रेन से टकराई मालगाड़ी, मची अफरा-तफरी Bihar News: बिहार में वोटिंग के बाद पुलिस का फ्लैग मार्च, जिला प्रशासन ने आम लोगों से की यह अपील Bihar News: बिहार में वोटिंग के बाद पुलिस का फ्लैग मार्च, जिला प्रशासन ने आम लोगों से की यह अपील Bihar Election 2025: पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के खिलाफ केस दर्ज, जानिए.. क्या है मामला? Bihar Election 2025: पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के खिलाफ केस दर्ज, जानिए.. क्या है मामला? पटना में गोल इंटरनेशनल स्कूल का भव्य शुभारंभ, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में नए युग की शुरुआत Air India Express bomb threat: एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में बम की धमकी, विमान की कराई गई इमरजेंसी लैंडिग; एयरपोर्ट पर अलर्ट Air India Express bomb threat: एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में बम की धमकी, विमान की कराई गई इमरजेंसी लैंडिग; एयरपोर्ट पर अलर्ट अरवल में DM अभिलाषा शर्मा ने मतगणना केन्द्र का किया निरीक्षण, स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था का भी लिया जायजा

नगर निकाय ही करेंगे अपने कर्मचारियों की बहाली: हाईकोर्ट से नीतीश सरकार को बड़ा झटका, नया नगरपालिका एक्ट रद्द

1st Bihar Published by: Updated Fri, 21 Oct 2022 06:04:31 PM IST

नगर निकाय ही करेंगे अपने कर्मचारियों की बहाली: हाईकोर्ट से नीतीश सरकार को बड़ा झटका, नया नगरपालिका एक्ट रद्द

- फ़ोटो

PATNA: पटना हाईकोर्ट से आज नीतीश सरकार को एक और बड़ा झटका लगा है. पटना हाईकोर्ट ने आज नीतीश सरकार द्वारा पारित किये गये बिहार नगरपालिका एक्ट (संशोधन) एक्ट 2021 को असंवैधानिक करार देते हुए उसे रद्द कर दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की बेंच ने आज इस मामले में अपना फैसला सुनाया है.


नगर निकाय ही करेंगे कर्मचारियों की नियुक्ति 

बता दें कि नीतीश सरकार ने 2021 में बिहार नगरपालिका एक्ट लागू किया था. इसमें 2007 के नगर पालिका एक्ट की धारा 36,37, 38 और 41 में संशोधन किया गया था. इन संशोधनों के जरिये राज्य सरकार ने बिहार के नगर निकायों में ग्रुप डी और ग्रुप सी की कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर उनके तबादले का काम अपने जिम्मे ले लिया था. उससे पहले नगर निकाय खुद कर्मचारियों की नियुक्ति कर रहे थे.


सरकार के इस विधेयक के खिलाफ आशीष कुमार सिन्हा समेत अन्य ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है कि ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारियों की नियुक्ति का अधिकार नगर निकायों को ही रहेगा. हाईकोर्ट ने 2021 में पारित किये गये नगरपालिका संशोधन एक्ट को रद्द करते हुए 2007  के नगरपालिका एक्ट को पूरी तरह से लागू करने का फैसला सुनाया है.


बिहार सरकार ने असंवैधानिक फैसला लिया

हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि बिहार सरकार ने 2021 में नगरपालिका एक्ट जो संशोधन किया है वह संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है. राज्य सरकार ने मनमाने तरीके से फैसला लिया. नगर निकायों को संवैधानिक तौर पर कई अधिकार प्राप्त हैं. अगर वे अपने कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार पर निर्भर हो जायेंगे तो उनकी स्वतंत्रता कमजोर होगी. ऐसे में अपने कर्मचारियों की नियुक्ति का अधिकार नगर निकायों के पास ही रहना चाहिये.