शिवहर में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदली, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से पंडाल समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा
1st Bihar Published by: Updated Sat, 28 Mar 2020 01:22:34 PM IST
- फ़ोटो
desk : हिन्दू धर्म में भगवान सूर्य के आराधना का विशेष महत्व है. सूर्य के बिना सृष्टि की कल्पना कर पाना भी मुश्किल है. नवग्रहों में सूर्य देव को राजा का पद दिया गया है. सूर्य देव की उपासना का विशेष पर्व छठ पूजा आज से शुरु है. चार दिनों का ये पर्व आज नहाय खाए से शुरु हो कर मंगलवर को उगते सूर्य को अर्घ दे कर समाप्त होगा.
वैसे तो इस पर्व को उत्तर प्रदेश, बिहार के लोग बड़ी धूम धाम से मानते है, पर अब इस पर्व को पूरे विश्व में मनाया जाता है. इस महापर्व को मानाने के लिए लोगों में एक अलग ही तरह का उत्साह होता है. छठ का पर्व एक साल में दो बार मनाया जाता है. यह त्यौहार कार्तिक शुक्ल षष्ठी और चैत शुक्ल षष्ठी से प्रारंभ को होता है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व को घर परिवार के सुख शांति और समृधि के लिए किया जाता है.
आज नहाये खाए के दिन व्रती लोगों के लिए विशेष प्रसाद बनता है. व्रती महिलाएं और पुरुष आज घर की साफ सफाई करते है. फिर स्नान कर के घर में विशेष ख्याल रख कर बनाये गए भोजन को ग्रहण कर व्रत आरंभ करते है. आज के भोजन में चने की दाल और लौकी की सब्जी विशेष होती है. पूरा खाना सुध सेंधा नमक में बनता है. घर के बाकि सदस्य इस भोजन को प्रसाद रूप में खाते है. दूसरे दिन खरना किया जाता है. तीसरे दिन अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देते है. चौथे और अंतिम दिन उदित होते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही यह पर्व समापन होता है.
इस महापर्व की जो रौनक सामान्य दिनों में होती है, उसको कोरोना वायरस ने फीका कर दिया है.सरकार ने लॉक डाउन का आदेश दे रखा है. बाजार बंद है. ऐसे में व्रत रखने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. पूजा की सामग्री खरीदने में दिक्कत आ सकती है. फलों के दाम भी आसमान को छु रहे है. साथ ही नदी और तलब किन अरे जा कर पूजा करने वालों को अब अपने घर पर ही विशेष व्यस्था कर के पूजा करनी होगी.