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नरेंद्र मोदी से सम्मान लेकिन सम्राट चौधरी से अपमान: जीतन राम मांझी की कहानी, अपने ही क्षेत्र में कर दिये गए अपमानित

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 16 Sep 2024 02:30:16 PM IST

नरेंद्र मोदी से सम्मान लेकिन सम्राट चौधरी से अपमान: जीतन राम मांझी की कहानी, अपने ही क्षेत्र में कर दिये गए अपमानित

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PATNA: पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के साथ भी बीजेपी अलग ही खेल कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी सार्वजनिक कार्यक्रमों में जीतन बाबू से मिलते हैं, उन्हें अलग ही महत्व देते हैं. नरेंद्र मोदी कई दफे ये जिक्र भी कर चुके हैं कि जीतन राम मांझी के लिए उनके मन में बहुत इज्जत है. लेकिन जीतन बाबू के साथ बिहार बीजेपी के कर्ता-धर्ता सम्राट चौधरी और दिलीप जायसवाल ने अलग ही खेल कर दिया है.


अपने ही क्षेत्र में मांझी की बेइज्जती!

प्रधानमंत्री से सम्मान पाने वाले जीतन राम मांझी को बिहार बीजेपी कितना इज्जत दे रही है, इसकी बानगी हम आपको बता रहे हैं. 17 सितंबर को मांझी के संसदीय क्षेत्र गया में पितृपक्ष मेला का उद्घाटन हो रहा है. ये बिहार सरकार का कार्यक्रम है. इस सरकारी समारोह का निमंत्रण पत्र देखने के बाद पता चल रहा है कि जीतन राम मांझी के साथ बिहार सरकार में शामिल बीजेपी के नेता क्या खेल कर रहे हैं.


मांझी की गरियामयी उपस्थिति

पितृपक्ष मेला के उद्घाटन के मौके पर भेजे जा रहे निमंत्रण पत्र में प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ा दी गयी है. इस मेले का आयोजन बिहार के भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग की ओर से किया जा रहा है, जिसके मंत्री दिलीप जायसवाल हैं. जायसवाल बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. उनके विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पितृपक्ष मेला का उद्घाटन बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी करेंगे. कार्यक्रम की अध्यक्षता मंत्री दिलीप जायसवाल करेंगे.


अब सबसे खास बात जानिये. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को उनलोगों की सूची में डाला गया, जिनकी उपस्थिति इस कार्यक्रम में रहेगी. गरिमामयी उपस्थिति वाली सूची में कुल 23 लोगों के नाम शामिल हैं. इनमें सांसद, बिहार सरकार के मंत्री, विधायक, विधान पार्षद, जिला परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मेयर, डिप्टी मेयर से लेकर डीआईजी और कमिश्नर तक शामिल हैं.


प्रोटोकॉल का उल्लंघन

केंद्र और राज्य सरकार ने जनप्रतिनिधियों के लिए प्रोटोकॉल तय कर रखा है. इसमें केंद्रीय कैबिनेट मंत्री का दर्जा किसी राज्य के मुख्यमंत्री के बराबर होता है. संवैधानिक जानकार विनय कुमार ने फर्स्ट बिहार को बताया कि उप मुख्यमंत्री कोई संवैधानिक पद नहीं होता. सम्राट चौधरी का दर्जा बिहार सरकार के कैबिनेट मंत्री के बराबर है. किसी सरकारी कार्यक्रम में राज्य का मंत्री उद्घाटन करे और वहां केद्रीय मंत्री को सिर्फ उपस्थित रहने का न्योता देना संवैधानिक व्यवस्था और प्रोटोकॉल का उल्लंघन है.


विनय कुमार ने बताया कि अगर सम्राट चौधरी को किसी सरकारी कार्यक्रम का उद्घाटन करने की बड़ी इच्छा हो और वहां केंद्रीय मंत्री की भी मौजूदगी तय हो तो दूसरा रास्ता निकाला जा सकता था. केंद्रीय मंत्री को कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बनाकर उन्हें सम्मान दिया जा सकता था. हाल में ही पटना में आईजीआईएमएस में आयोजित सरकारी समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा दोनों मौजूद थे. वहां केंद्रीय मंत्री को मुख्यमंत्री से ज्यादा सम्मान दिया गया. जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री के बाद मंच से भाषण दिया. ये प्रोटोकॉल के तहत किया गया था.


जीतन बाबू के साथ खेला

लेकिन बिहार बीजेपी को चला रहे सम्राट चौधरी और दिलीप जायसवाल की जोड़ी ने जीतन राम मांझी के साथ खेल कर दिया. मांझी को उनके संसदीय क्षेत्र में ही आयोजित सरकारी कार्यक्रम में विधायक-विधान पार्षद जैसा बना दिया गया. जाहिर है बिहार बीजेपी के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा सब्र और सम्मान नहीं रखते.