Gold theft jewellery shop: थानेदार बनकर आया, लाखों के गहने ले उड़ा, CCTV फुटेज देख दंग रह गया दुकानदार! Bihar Politics: "नीतीश को साइडलाइन करने की हिम्मत किसी में नहीं": मनोज तिवारी.. चिराग के भविष्य और पवन सिंह के BJP में आने पर भी बोले Road Accident Death : कुछ महीने पहले हुई थी शादी, अब सड़क हादसे में सुप्रीम कोर्ट के वकील की मौत,पत्नी घायल Caste Census: बिहार चुनाव और पहलगाम हमले से है जातीय जनगणना का कनेक्शन? विपक्ष के तीखे सवालों के बाद जनता सोचने पर मजबूर Pakistan Airspace: पाकिस्तान द्वारा एयरस्पेस बंद किए जाने के बाद एयर इंडिया को भारी नुकसान, बढ़ीं मुश्किलें Bihar News: पटना में हाईटेक हाइड्रोलिक पार्किंग सिस्टम, अब कार्ड स्कैन करो और कार खुद हो जाएगी पार्क Double Money Scheme fraud: बिहार में 24 घंटे में पैसा डबल करने का झांसा, एक करोड़ से अधिक की ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार CBSE 10th Result 2025: सीबीएसई 10वीं का रिजल्ट जल्द होगा जारी, जानिए.. कब और कहां आएगा परिणाम, कैसे करें चेक? Bihar Vehicle Rules 2025: बिहार में दूसरे राज्यों की गाड़ी चलाने वालों की अब खैर नहीं, इन नियमों का पालन नहीं किया तो धो बैठेंगे अपने वाहन से हाथ Kedarnath Dham history: केदारनाथ धाम के कपाट खुले, भक्तों की उमड़ी भीड़ ...जानिए इस दिव्य धाम की पौराणिक कथा और इतिहास
1st Bihar Published by: Updated Sat, 23 May 2020 01:11:37 PM IST
- फ़ोटो
JAMUI: लॉकडाउन के कारण के बिहार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह गांव पर फंसे हुए हैं. ऐसे में वह गांव पर ही खेती बारी में जुटे गए हैं. वह अपने खेत में ट्रैक्टर चलाकर खुद खेत जोत रहे हैं. नरेंद्र सिंह का गांव जमुई जिले के पकड़ी में है.
समय का कर रहा हूं उपयोग
नरेंद्र सिंह ने कहा कि कहा कि लॉकडाउन से दो दिन पहले गांव आया था. यहां पर आने के कारण फंस गया. इतना दिन गांव में रहता नहीं हूं. लेकिन अब सोचा कि इस समय का कुछ उपयोग किया जाए. इसलिए अपने खेती बारी में जुट गए. ऐसे में अपना काम भी हो गया और वक्त भी गुजर रहा है.
खेती को मनरेगा से जोड़े सरकार
नरेंद्र सिंह ने कहा कि कहा कि मैं बहुत सारे राजनीतिक लोगों से कहना चाहता हूं कि वह अपना समय बर्बाद करने से अच्छा है कि वह अपने खेती बारी में जुटे. ऐसे करेंगे तो लोगों को खेती को लेकर रूचि बढ़ेगी. देश में 60-70 प्रतिशत लोग खेती में लगे हैं. यही किसान देश के अन्नदाता हैं. खेती करने में कोई लाभ नहीं है. किसान खेती कर करोड़पति नहीं बन सकते हैं लेकिन दो जून की रोटी खुद भी खा सकते हैं और खेत में काम करने वाले मजदूरों का खिला सकते हैं. नरेंद्र सिंह ने कहा सरकार से मनरेगा योजना को खेती से जोड़ देना चाहिए. जो मजदूर किसानों के घर काम करेंगे और किसान सर्टिफिकेट देंगे की ये काम किए है तो सरकार पैसा का भुगतान कर दें. मनरेगा योजना में बहुत सारे फर्जीवाड़ा हो रहा है.