शिवहर में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदली, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से पंडाल समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 16 Oct 2023 06:45:52 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तक शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है। इस वर्ष 15 अक्टूबर से लेकर 23 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्रि है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है।
वहीं, ऐसा कहा जाता है कि साधक विधि विधान से नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं। इससे घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।
सनातन शास्त्रों में निहित है कि नवरात्रि के दूसरे दिन साधक का मन ‘स्वाधिष्ठान’चक्र में स्थिर रहता है। मां की महिमा निराली है। उनके मुखमंडल पर कांतिमय आभा झलकती है। इससे समस्त जगत आलोकित होता है। मां ब्रह्मचारिणी के एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में कमंडल है। मां की पूजा-उपासना करने से विद्या की प्राप्ति होती है। अतः मां ब्रह्मचारिणी को विद्या की देवी भी कहा जाता है।
ब्रह्मचारिणी की पूजा फल, फूल, धूप, दीप, हल्दी, चन्दन, कुमकुम आदि चीजों से करें। मां ब्रह्मचारिणी को चीनी और मिश्री प्रिय है। अतः भोग में उन्हें लाल रंग के फल, चीनी और मिश्री अर्पित करें। पूजा के अंत में आरती-अर्चना कर सुख, समृद्धि और आय वृद्धि की कामना करें। दिनभर उपवास रखें। संध्याकाल में आरती कर फलाहार करें।