ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: शायारना अंदाज में किस पर निशाना साध रहे उपेन्द्र कुशवाहा, कहा - आज बादलों ने फिर साजिश की...; आखिर क्यों कम नहीं हो रही नाराजगी? Bihar Election 2025: सुशांत सिंह राजपूत की बहन भाकपा माले से लड़ेंगी चुनाव, महागठबंधन में सीट शेयरिंग से पहले नामांकन का किया एलान Bihar Election 2025: सुशांत सिंह राजपूत की बहन भाकपा माले से लड़ेंगी चुनाव, महागठबंधन में सीट शेयरिंग से पहले नामांकन का किया एलान Bihar assembly elections : भाकपा माले और राजद में शह -मात का खेल; सीटों को लेकर तनातनी ; पाली और घोषी पर घमासान Lokah Chapter 1: ‘लोका चैप्टर 1 – चंद्रा’ OTT पर आने को तैयार, जानें रिलीज डेट और प्लेटफॉर्म Bihar Election 2025: बिहार की इस सीट से चुनाव लड़ेंगी पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह, निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरने की तैयारी Bihar Election 2025: बिहार की इस सीट से चुनाव लड़ेंगी पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह, निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरने की तैयारी Bihar News: बिहार में बकरी की पीट-पीटकर हत्या, थाने पहुंचा मामला; जमकर हुआ बवाल Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025: 78 विधायक पर नहीं है कोई मुकदमा , पूर्वी बिहार में सबसे ज्यादा “जीरो एफआईआर” वाले नेता जी;पढ़िए पूरा डाटा Bihar Crime News: बिहार में सिर कटा शव मिलने से सनसनी, खेत की रखवाली करने के दौरान बदमाशों ने शख्स को मौत के घाट उतारा

नीतीश के आगे नतमस्तक भाजपा: JDU ने छीना कई अहम विभाग, मांझी को थमा दिया गया झुनझुना

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 03 Feb 2024 02:15:21 PM IST

नीतीश के आगे नतमस्तक भाजपा: JDU ने छीना कई अहम विभाग, मांझी को थमा दिया गया झुनझुना

- फ़ोटो

PATNA: बिहार में नयी सरकार के शपथ ग्रहण के 6 दिन बाद मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हुआ. विभागों के बंटवारे से पहले तरह तरह की चर्चायें हो रही थीं. कहा जा रहा था कि बीजेपी इस दफे गृह विभाग लेने पर अड़ी है. लेकिन जब विभागों के बंटवारे की लिस्ट आय़ी तो सारे कयास हवा हो गये. विभागों के बंटवारे के बाद मैसेज यही गया है कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी बिहार में नीतीश कुमार के सामने नतमस्तक हो गयी है.


वैसे सरकार बनने के बाद विभागों के बंटवारे का एक सामान्य फामूर्ला ये आ रहा था कि जो विभाग पहले राजद के पास थे, उसे बीजेपी को सौंप दिया जाये. कमोबेश ऐसा ही हुआ दिखता है, लेकिन जेडीयू ने ऐसे कई बड़े औऱ अहम विभाग बीजेपी को न देकर अपने पास रख लिये हैं, जो पहले राजद के पास हुआ करते थे. 


तात्कालिक है बंटवारा, विस्तार बाकी है

वैसे हम ये भी बता दें कि विभागों का बंटवारा तात्कालिक है. अभी मंत्रिमंडल का विस्तार होना है. बिहार विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. उसके बाद विभागों का सही से बंटवारा होगा. लेकिन इस बंटवारे का फ्रार्मूला तय हो गया है. अगर बीजेपी के नये मंत्री बनेंगे तो उन्हें वही विभाग मिलेंगे जो अभी बीजेपी के हिस्से गये हैं. जेडीयू के मंत्रियों को वही विभाग मिलेंगे जो अभी जेडीयू के मंत्रियों को दिया गया है.


गृह औऱ सामान्य प्रशासन विभाग पर कोई समझौता नहीं

बता दें कि गृह विभाग से बिहार का पुलिस तंत्र संचालित होता है. 2005 में जब से नीतीश मुख्यमंत्री बने तब से ही ये विभाग उनके पास है. इस दफे भी नीतीश कुमार ने गृह विभाग अपने पास रखा है. दूसरा अहम विभाग सामान्य प्रशासन विभाग है. इसी विभाग से आईएएस अधिकारी से लेकर बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों नियंत्रित होते हैं. यानि जिले में एसडीएम से लेकर डीएम, कमिश्वर और विभागों के सचिव, प्रधान सचिव, अपर मुख्य सचिव और मुख्य सचिव की पोस्टिंग इसी विभाग के जरिये होती थी. बीजेपी समर्थकों को उम्मीद थी कि कम ये कम ये विभाग तो उन्हें मिलेगा. लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग भी नीतीश कुमार ने अपने पास रखा है.


कई अहम विभाग जेडीयू ने छीना

जेडीयू-राजद और कांग्रेस की पिछली सरकार में राजद के हिस्से में कई अहम विभाग थे,जेडीयू ने इस दफे उन विभागों को बीजेपी को नहीं दिया है. बिहार सरकार में सबसे बड़ा बजट शिक्षा विभाग का होता है. पहले ये विभाग राजद के पास हुआ करता था, जिसके मंत्री चंद्रशेखर औऱ बाद में आलोक मेहता बने थे. इस दफे शिक्षा विभाग पर जेडीयू ने कब्जा जमाया है औऱ विजय चौधरी के पास ये विभाग गया है.


ऐसा ही एक और विभाग ग्रामीण कार्य विभाग है. ग्रामीण कार्य विभाग का काम होता है ग्रामीण इलाकों में सड़कों को बनवाना. पुरानी सरकार में ये विभाग तेजस्वी यादव के पास हुआ करता था. जेडीयू ने नयी सरकार में ग्रामीण कार्य विभाग अपने पास रखा है. ग्रामीण कार्य विभाग का जिम्मा विजेंद्र यादव को सौंपा गया है जो नीतीश कुमार के खास मंत्री माने जाते हैं.


हालांकि बीजेपी के हिस्से भी ऐसे दो विभाग आये हैं जो पहले जेडीयू के पास हुआ करता था. पुरानी सरकार में वित्त औऱ वाणिज्य कर विभाग का जिम्मा जेडीयू कोटे के मंत्री विजय कुमार चौधरी के पास था. लेकिन इस बार दोनों विभागों को नये डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को सौंपा गया है. वैसे वित्त विभाग को सरकार का सबसे सूखा विभाग माना जाता है. जहां मंत्री को न मलाई मिल सकती है औऱ ना ही किसी अपने को उपकृत करने का मौका. 


मांझी को मिला झुनझुना

सबसे बुरी स्थिति जीतन राम मांझी की हुई है. जीतन राम मांझी अपनी पार्टी के लिए दो मंत्री पद मांग रहे थे. मंत्रिमंडल में उनके बेटे संतोष कुमार सुमन को जगह मिली है. उन्हें आईटी विभाग और अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग थमा दिया गया है. बिहार में आईटी में कितना काम है ये सब जानते हैं. अनुसूचित जाति औऱ जनजाति कल्याण विभाग में मंत्री क्या कर सकता है, ये भी सर्वविदित है. जीतन राम मांझी एक निर्दलीय विधायक को मंत्री बनाने पर आपत्ति जता रहे थे. निर्दलीय विधायक होकर भी मंत्री बने सुमित कुमार सिंह को साइंस एंड टेक्नोलॉजी जैसा अहम और मलाईदार विभाग दिया गया है. जाहिर है मांझी के बोलने का कोई असर नहीं हुआ.

किसको क्या मिला?

अब एक बार फिर से देखिये कि मंत्रिमंडल में शामिल नेताओं को कौन-कौन सा विभाग मिला. 

नीतीश कुमार- सामान्य प्रशासन, गृह, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी, निर्वाचन और वैसे सभी विभाग जो किसी को आवंटित नहीं है

सम्राट चौधरी-वित्त, वाणिज्य कर, नगर विकास एवं आवास, स्वास्थ्य, खेल, पंचायती राज, उद्योग, पशु एवं मत्स्य संसाधन, विधि

विजय कुमार सिन्हा-कृषि, पथ निर्माण, राजस्व एवं भूमि सुधार, गन्ना उद्योग, खान एवं भूतत्व, श्रम संसाधन, कला, संस्कृति एवं युवा, लघु जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण

विजय कुमार चौधरी-जल संसाधन, संसदीय कार्य, भवन निर्माण, परिवहन, शिक्षा, सूचना एवं जन-संपर्क

विजेंद्र यादव-ऊर्जा, योजना एवं विकास, मद्य निषेध, ग्रामीण कार्य, अल्पसंख्यक कल्याण

प्रेम कुमार-सहकारिता, पिछड़ा एवं अति पिछ़ड़ा कल्याण, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण, वन संरक्षण और जलवायु परिवर्तन, पर्यटन

श्रवण कुमार-ग्रामीण विकास, समाज कल्याण, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण

संतोष कुमार सुमन-सूचना एवं प्रावैधिकी, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण 

सुमित कुमार सिंह-विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा