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नीतीश के झटके से उबरने के लिए BJP ने बनाई रणनीति, असल चिंता.. 2024 में परफोर्मेंस

1st Bihar Published by: Updated Wed, 17 Aug 2022 07:09:15 AM IST

नीतीश के झटके से उबरने के लिए BJP ने बनाई रणनीति, असल चिंता.. 2024 में परफोर्मेंस

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PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक झटके में भारतीय जनता पार्टी को बिहार में आसमान से जमीन पर लाकर पटक दिया. सत्ता से विपक्ष में खड़ी बीजेपी अब बिहार में नीतीश के इस झटके से उबरने का प्रयास कर रही है. बिहार में बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों को लेकर कोर कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक दिल्ली में बुलाई गई थी. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ बिहार से जुड़े बीजेपी के नेताओं को इस बैठक में बुलाया गया था. 3 घंटे तक कोर कमेटी की लंबी बैठक चली. इस बैठक में इस बात को लेकर 2020 के लोकसभा चुनाव में बिहार के अंदर पार्टी अपना परफॉर्मेंस कैसे बचाएं. बीजेपी नेताओं के अंदर इस बात को लेकर बेचैनी नजर आई कि महागठबंधन के मुकाबले लोकसभा चुनाव में बिहार के अंदर पुराने प्रदर्शन को दोहराना आसान नहीं होगा.


अंदर की खबर यह है कि एक तरफ जहां बिहार में संघर्ष को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व कुछ नेताओं के क्रियाकलाप को लेकर भारी नाराज दिखा. 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले बिहार में पार्टी के ऊपर आया संकट राष्ट्रीय नेतृत्व को थोड़ा भी पसंद नहीं नजर आ रहा. यही वजह है कि जिन नेताओं के रवैए और बयानों की वजह से बिहार में गठबंधन को नुकसान पहुंचा, उन नेताओं को अब साइडलाइन किए जाने पर जल्द फैसला हो सकता है. हालांकि ऐसे नेताओं का कद पहले भी छोटा किया जा चुका है. पार्टी अब बिहार में किसी नए चेहरे पर भरोसा जा सकती है. पुराने चेहरों में सुशील कुमार मोदी और राधा मोहन सिंह जैसे नेताओं की पूंछ हाल के दिनों में बढ़ी है. नित्यानंद राय और भूपेंद्र यादव कैंप का कद पहले से छोटा हुआ है.


3 घंटे तक के चली मंथन बैठक के बाद पार्टी ने कोई सीधा ऐलान तो नहीं किया, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल केवल इतना कह गए कि बिहार में 2024 के अंदर 35 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य लेकर चलेंगे. संजय जायसवाल का कार्यकाल भी खत्म हो चुका है. लिहाजा अब पार्टी बिहार में किसी नए चेहरे को प्रदेश नेतृत्व की जिम्मेदारी देने का फैसला किसी भी पल सकती है. सबसे ज्यादा इंतजार बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के चेहरे को लेकर है. बीजेपी के पास विधानसभा में ऐसा कौन सा चेहरा होगा जो नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को एक साथ साथ सके. इसको लेकर पार्टी ने अब तक कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व इस मामले में अपने फैसले से सबको चौंका सकता है.