Bihar Crime News: बिहार के इस यूनिवर्सिटी के VC का बेटा मर्डर केस में गिरफ्तार, दो दोस्तों को भी पुलिस ने दबोचा; शिक्षक की बेहरमी से हुई थी हत्या Bihar Crime News: बिहार के इस यूनिवर्सिटी के VC का बेटा मर्डर केस में गिरफ्तार, दो दोस्तों को भी पुलिस ने दबोचा; शिक्षक की बेहरमी से हुई थी हत्या Bihar Election 2025: बिहार चुनाव से पहले BJP में होगा बदलाव, लिस्ट में केंद्रीय मंत्रियों का भी नाम है शामिल Bihar Flood: झारखंड में भारी बारिश से गयाजी और जहानाबाद में फिर बिगड़े हालात, NH पर चढ़ा बाढ़ का पानी Bihar Flood: झारखंड में भारी बारिश से गयाजी और जहानाबाद में फिर बिगड़े हालात, NH पर चढ़ा बाढ़ का पानी BIHAR NEWS : बिहार के गली-मोहल्लों की हो गई मैपिंग, अब डिजिपिन से होगी पहचान बड़ा खुलासाः सरकारी स्कूलों में 'चवन्नी' का भी काम नहीं हुआ और प्रति स्कूल 4-5 लाख का बिल भुगतान ! हेडमास्टर को पता भी नहीं और DPO ने भुगतान की कर दी सिफारिश, करोड़ों के घोटाले का खेल बेनकाब ED RAID : अनिल अंबानी के ठिकानों पर ED की रेड, जानिए क्यों हो रही छापेमारी BIHAR CRIME : मुर्गा चोरी करना युवक को पड़ा महंगा, पॉल्ट्री फॉर्म के मालिक ने दी तालिबानी सजा Bihar Crime News: सीमांचल में धडल्ले से बनाए जा रहे फर्जी निवास प्रमाण पत्र, पुलिस ने बड़े रैकेट का किया खुलासा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 06 Oct 2023 08:08:16 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: लगातार चर्चे में रहने वाले सीनियर आईएएस अधिकारी एस. सिद्धार्थ ने आज फिर कुछ ऐसा किया, जिसे बिहार के किसी दूसरे अधिकारी ने अब तक नहीं किया था. एस. सिद्धार्थ ने आज बगैर किसी को-पायलट के विमान उड़ाया. उसके बाद कहा-जिंदगी का सपना सच हो गया. बता दें कि एस. सिद्धार्थ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव के साथ साथ गृह और कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव भी हैं. उन्हें बिहार का सबसे पावरफुल आईएएस अधिकारी माना जाता है.
एस. सिद्धार्थ ने अपने बचपन के शौक को पूरा करने के लिए हवाई जहाज उड़ाने की ट्रेनिंग ली और आखिरकार अपने सपने को पूरा कर लिया. उन्होंने बताया कि मैंने पहली बार अकेले विमान चलाया. हवा में अकेले उड़ना एक सपने के सच होने जैसा था. बचपन में मैं हमेशा विमान उड़ाने का सपना देखता था. अपने मैकेनो-किट का उपयोग करके मैं धातु के हवाई जहाज बनाता था और एक डोरी की मदद से उसे चारों ओर घुमाता था, इस उम्मीद में कि वह उड़ जाएगा, बचपन में मेरे लिए पेपर प्लेन से लेकर पतंग उड़ाना एक जुनून की तरह था. सिद्धार्थ ने कहा कि 40 साल पहले उन्होंने पहली बार अपने स्कूल के एक ग्रुप के साथ एयर इंडिया से यात्रा किया था. 40 साल बाद मैंने खुद विमान उड़ाया. विमान में अकेले बैठना और उसे उड़ाना एक ऐसा अनुभव है जिसे व्यक्त नहीं किया जा सकता.
बगैर को पायलट के भरी उडान
अकेले विमान उड़ाने वाले एस. सिद्धार्थ ने कहा कि हवाई जहाज उड़ाते समय जब आपके पास एक सह-पायलट होता है तो चीजें आसान हो जाती हैं. आपका को-पायलट भी कुछ काम को संभालता है और मशीन पर हो रही गतिविधियों की चर्चा करता रहता है. लेकिन जब अकेले प्लेन उड़ाना होता है तो आपको फ्लाइट कंट्रोल के साथ-साथ रेडियो ट्रांसमिशन समेत हर चीज का ध्यान रखना होता है.
पायलट बनने की ली ट्रेनिंग
एस. सिद्धार्थ ने कहा कि पायलट बन कर हवाई जहाज उडाने से पहले बहुत कुछ पढ़ना, परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी होता है. मैंने नौकरी के दौरान ट्रेनिंग ली. यह मुझे स्कूल और कॉलेज के दिनों में वापस ले गया, जब किसी चीज को पढ़ना, सीखना, याद रखना और दोहराना होता है. ये काम इस उम्र में मुश्किल हो जाता है, लेकिन मेरा हमेशा से विश्वास रहा कि उम्र चाहे कुछ भी हो, सीखना कभी नहीं रुकता. लोगों की शुभकामनाएँ मुझे आगे बढ़ाती रहती हैं।
बता दें कि डॉ. एस.सिद्धार्थ 1991 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं. उन्होंने आईआईटी, दिल्ली से सूचना प्रौद्योगिकी में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है. 1987 में उन्होंने आईआईटी , दिल्ली से कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग में बीटेक किया था. सिद्धार्थ आईआईएम, अहमदाबाद से 1989 में एमबीए भी कर चुके हैं. उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में अपनी दूसरी पीएचडी भी की है.