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1st Bihar Published by: 9 Updated Sat, 20 Jul 2019 04:58:48 PM IST
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PATNA: बिहार के बाढ पीड़ितों को 6 हजार रूपये बांट रहे नीतीश कुमार इसका कोई क्रेडिट अपनी सहयोगी बीजेपी को लेने नहीं दे रहे हैं. नीतीश कुमार ने आज अपने हाथों बाढ़ पीड़ितों के बीच 181 करोड़ रूपये बांट दिये. बकायदा सरकारी कार्यक्रम हुआ लेकिन इस कार्यक्रम में सूबे के डिप्टी सीएम सुशील मोदी को न्योता तक नहीं दिया गया. सुशील मोदी बिहार के वित्त मंत्री यानि सरकारी खजाने के प्रभारी भी हैं लेकिन उन्हें मीडिया से ही इस समारोह की खबर मिली होगी. ये रिलीफ नहीं वोट है तकरीबन 14 साल से बिहार पर राज कर रहे नीतीश कुमार जानते हैं कि रिलीफ का पैसा वोट बनकर बरसता है. 10 साल पहले कोसी के प्रलय के समय ही उन्हें इसका अंदाजा हो गया था. जब कोसी ने कहर बरपाया तो हर पीड़ित व्यक्ति सरकार को कोस रहा था. सरकार ने बाद में नगद पैसे के साथ साथ गेहूं-चावल की बोरियां हर घर में पहुंचा दिया. नतीजतन अगले दो चुनाव में नीतीश और उनकी सहयोगी पार्टी उस क्षेत्र की तमाम सीटें जीत गयी. रिलीफ और वोट का ये कनेक्शन नीतीश को अच्छी तरह समझ में आ गया. अब इस दफे बाढ़ उस वक्त में आयी है जब नीतीश और बीजेपी के बीच की तल्खी जगजाहिर है. भविष्य की सियासत कर रहे नीतीश कुमार ने इस बाढ़ के रिलीफ का सारा क्रेडिट खुद लेने का तमाम बंदोबस्त किया है. बीजेपी को क्रेडिट बांटने की कोई गुंजाइश ही बाकी नहीं छोड़ी जा रही है. सरकार ने रिलीफ का सारा सिस्टम ही बदला इस साल आयी बाढ़ के बाद प्रभावित इलाकों का दौरा नीतीश कुमार ने या तो खुद किया या फिर अपने अधिकारियों को दौरा करने को कहा. डिप्टी सीएम सुशील मोदी कहीं नहीं थे. किसी जिले के प्रभारी मंत्री को कहीं पूछा नहीं गया. सरकार इससे पहले की हर आपदा में प्रभारी मंत्रियों को जिलों में तैनात करती थी. पैसा किसे मिलेगा इसकी सूची भी DM से तैयार करायी गयी. फिर सीएम सचिवालय ने यही से सारा सिस्टम सेट कर दिया. किसी भी फ्रंट पर बीजेपी या बीजेपी कोटे के मंत्रियों की कोई सहभागिता कहीं नजर नहीं आयी. ये अगले चुनाव की रणनीति है ये आम चर्चा है कि नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच तल्खी हर रोज बढ़ती जा रही है. गठबंधन कब तक चलेगा इसकी गारंटी देने वाला कोई नहीं. लिहाजा नीतीश कुमार अपने बलबूते अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. उनकी सारी सियासी तैयारी ऐसा ही संकेत दे रही है. फिर बाढ़ रिलीफ में बीजेपी को कोई भी श्रेय देने की गुंजाइश नीतीश कुमार कैसे छोड़ देते.