1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 13 Mar 2024 01:06:07 PM IST
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PATNA: 52 बूटी की कला में पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाने वाले नालंदा के पद्मश्री कपिल देव प्रसाद का बुधवार को निधन हो गया। पटना के एक निजी अस्पताल में कपिल देव प्रसाद ने आखिरी सांसें ली। वे 70 साल के थे। पिछले वर्ष 2023 के अप्रैल महीने में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से उन्हें सम्मानित किया था।
पद्मश्री कपिल देव प्रसाद के निधन की खबर से नालंदा में शोक की लहर दौड़ गई है। बुनकरी के दम पर उन्होंने देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री को हासिल किया था। कुछ दिन पहले ही उन्होंने हर्ट सर्जरी कराई थी और आखिरकार उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। बिहारशरीफ के बसवन बीघा गांव निवासी कपिल देव प्रसाद ने पूर्वजों से सीखे हुनर को लोगों में बांटकर रोजगार का एक माध्यम विकसित किया और 52 बूटी हस्तकर्घा से देश भर में अपनी अलग पहचान बनाई थी।
बता दें कि कपिल देव प्रसाद का जन्म 5 अगस्त 1955 को हुआ था। इनके पिता का नाम हरि तांती और मां का नाम फुलेश्वरी देवी था। पूर्वजों से ही बावन बूटी की कला इन्हें मिली थी और उन्होंने इसको ही अपना रोजगार का जरिया बनाया था। 2017 में हैंडलूम प्रतियोगिता के लिए देश के 31 बुनकरों को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया था, जिसमें कपिल देव प्रसाद भी शामिल थे। उनके निधन से नालंदा में शोक की लहर है। कपिल देव प्रसाद का अंतिम संस्कार पटना के फतुहा स्तिथ त्रिवेणी घाट पर किया जाएगा।