Bihar News: करप्शन किंग 'अनुभूति' के अनंत कारनामे ! रक्सौल में पोस्टिंग के दौरान 'शेल' कंपनी में जमा कराए मोटी रकम, रेड में 21 पासबुक...फॉर्चूनर एवं इनोवा जैसी महंगी गाड़ियां और भी बहुत कुछ... Bihar Voter Adhikar Yatra: बिहार में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान फिर हादसा, तेजस्वी यादव के रोड शो में सुरक्षाकर्मी का पैर टूटा Bihar Voter Adhikar Yatra: बिहार में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान फिर हादसा, तेजस्वी यादव के रोड शो में सुरक्षाकर्मी का पैर टूटा Bihar Teacher Transfer: शिक्षा विभाग ने आज 9 हजार से अधिक शिक्षकों का किया ट्रांसफर, कैसे हुआ स्थानांतरण, जानें.... Patna Crime News: पटना में भाई-बहन की संदिग्ध मौत पर बवाल, गुस्साए लोगों ने किया सड़क जाम; टीचर पर हत्या करने का आरोप Patna Crime News: पटना में भाई-बहन की संदिग्ध मौत पर बवाल, गुस्साए लोगों ने किया सड़क जाम; टीचर पर हत्या करने का आरोप baggage charges in trains : रेल यात्रियों के एक्स्ट्रा लगेज पर रेल मंत्री ने कर दिया सब क्लियर, पढ़िए क्या है सरकार का फैसला Bihar News: बिहार में यहां फोर लेन सड़क का निर्माण, 3 जिलों को होगा फायदा Bihar News: अब घर बैठे कीजिए भ्रष्टाचार पर चोट, निगरानी ब्यूरो ने शुरू की विशेष व्यवस्था Bihar Crime News: बिहार में 9 दिनों से लापता महिला का शव मिला, परिजनों ने ससुराल में घर के दरवाजे पर किया अंतिम संस्कार; हत्या का आरोप
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 13 Mar 2024 01:06:07 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: 52 बूटी की कला में पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाने वाले नालंदा के पद्मश्री कपिल देव प्रसाद का बुधवार को निधन हो गया। पटना के एक निजी अस्पताल में कपिल देव प्रसाद ने आखिरी सांसें ली। वे 70 साल के थे। पिछले वर्ष 2023 के अप्रैल महीने में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से उन्हें सम्मानित किया था।
पद्मश्री कपिल देव प्रसाद के निधन की खबर से नालंदा में शोक की लहर दौड़ गई है। बुनकरी के दम पर उन्होंने देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री को हासिल किया था। कुछ दिन पहले ही उन्होंने हर्ट सर्जरी कराई थी और आखिरकार उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। बिहारशरीफ के बसवन बीघा गांव निवासी कपिल देव प्रसाद ने पूर्वजों से सीखे हुनर को लोगों में बांटकर रोजगार का एक माध्यम विकसित किया और 52 बूटी हस्तकर्घा से देश भर में अपनी अलग पहचान बनाई थी।
बता दें कि कपिल देव प्रसाद का जन्म 5 अगस्त 1955 को हुआ था। इनके पिता का नाम हरि तांती और मां का नाम फुलेश्वरी देवी था। पूर्वजों से ही बावन बूटी की कला इन्हें मिली थी और उन्होंने इसको ही अपना रोजगार का जरिया बनाया था। 2017 में हैंडलूम प्रतियोगिता के लिए देश के 31 बुनकरों को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया था, जिसमें कपिल देव प्रसाद भी शामिल थे। उनके निधन से नालंदा में शोक की लहर है। कपिल देव प्रसाद का अंतिम संस्कार पटना के फतुहा स्तिथ त्रिवेणी घाट पर किया जाएगा।