Asia Cup 2025: भारतीय टीम में 2 स्पॉट के लिए कई दिग्गजों में जंग, असमंजस में पड़ी BCCI BSRTC Bus Ticket: दशहरा, दिवाली और छठ पर बिहार आने वालों के लिए बड़ी राहत, इस दिन से शुरू हो रही BSRTC की बसों की बुकिंग Patna Metro: पटना मेट्रों को लेकर आया बड़ा अपडेट, इस दिन से शुरू हो सकता है ट्रायल रन Patna Metro: पटना मेट्रों को लेकर आया बड़ा अपडेट, इस दिन से शुरू हो सकता है ट्रायल रन Bihar Politics: पूर्व विधायक बोगो सिंह ने तेजस्वी यादव से की मुलाकात, आरजेडी के टिकट पर लड़ सकते हैं चुनाव Bihar News: खतरे में गंगा में मौजूद देसी मछलियों का अस्तित्व, कहां से आईं अफ्रीकी कैटफिश Bihar Monsoon: बिहार के 20+ जिलों में नहीं हुई पर्याप्त वर्षा, अब भी बरकरार है सूखे का खतरा Bihar News: बिहार में यहां 8 सड़कों का निर्माण, खर्च होंगे ₹15.58 करोड़ Elvish Yadav Attack: क्यों हुआ एल्विश यादव के घर हमला? अमेरिका में गैंगस्टर भारत में हुई फायरिंग; जानिए... पूरी डिटेल Bihar Job: बिहार के युवाओं के पास सरकारी नौकरी पाने का मौका, इन स्नातक स्तरीय पदों के लिए आवेदन आज से शुरू..
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 26 Jun 2024 03:36:39 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: पटना समाहरणालय के ऑडिटोरियम हॉल में बुधवार की सुबह साढ़े 10 बजे से चल रहे जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हो गया। 44 में से 33 पार्षदों ने अंजू देवी को वोट किया जबकि उनकी विरोधी प्रत्याशी रेहाना परवीन को 5 वोट मिले।
वही जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष कुमारी स्तुति ने वोटिंग में हिस्सा ही नहीं लिया। वो बिना वोट दिये ही वहां से बाहर निकल गयी। ऐसे में अंजू देवी चुनाव जीतकर पटना की जिला परिषद अध्यक्ष बन गई हैं। बता दें कि अंजू देवी पहले भी जिला परिषद की अध्यक्ष रह चुकी है। नए अध्यक्ष के तौर पर अंजू देवी बहुत जल्द शपथग्रहण करेगी। शपथग्रहण की तैयारी की जा रही है।
बता दें कि निवर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष स्तुति कुमारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। पटना जिला परिषद के पार्षदों ने तत्कालीन अध्यक्ष स्तुति कुमारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। फरवरी में इस प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में 44 पार्षदों में से 22 सदस्यों ने ही हिस्सा लिया था। और सभी ने प्रस्ताव के समर्थन में ही वोटिंग की। जिसके कारण स्तुति की कुर्सी चली गई। कुर्सी जाने के बाद स्तुति ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। स्तुति का कहना था कि जब तक निर्वाचित सदस्यों की आधी संख्या उनके खिलाफ वोट नहीं डालते तब तक उन्हें पद से हटाने का प्रस्ताव अवैध है।