ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Assembly Election 2025 : अनंत- सूरजभान और रीतलाल के गढ़ में वोटरों ने जमकर किया मतदान, 5 बजे तक 60 % से अधिक लोग पहुंचे वोटिंग सेन्टर; क्या हैं इसके मायने Bihar Election 2025: वोटिंग खत्म होने के बाद CEC की प्रेस कॉन्फ्रेंस, मिलेगी बिहार चुनाव से जुड़ी अहम जानकारी Bihar Election 2025: बिहार के इस इलाके में 20 साल बाद हुई वोटिंग, नक्सली हमले में 7 जवानों की गई थी जान Bihar Election 2025: बिहार के इस इलाके में 20 साल बाद हुई वोटिंग, नक्सली हमले में 7 जवानों की गई थी जान Bihar Election : योगी आदित्यनाथ ने बगहा में जनसभा को संबोधित, कहा - “लालटेन युग खत्म, अब एलईडी का दौर है” Bihar Election 2025: मात्र एक घंटे बचा मतदान का समय, घर से निकलकर करें मतदान; जानिए कैसा रहा है अबतक का मतदान? Bihar Election 2025: बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में प्रशासनिक पक्षपात का आरोप, आरजेडी ने बताया चुनाव को प्रभावित करने की साजिश Bihar Election 2025: बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में प्रशासनिक पक्षपात का आरोप, आरजेडी ने बताया चुनाव को प्रभावित करने की साजिश Bihar News: वोट डालने गई महिला ट्रेन हादसे में घायल, पैर कटने के बाद अस्पताल में इलाज जारी मोतिहारी में अखिलेश यादव और मुकेश सहनी की सभा: दोनों नेताओं ने एक सूर में कहा..अब NDA की विदाई तय

पटना में IAS अफसर पर केस, तेजस्वी बोले- नीतीश जी घोटालेबाजों का सिंडिकेट चलाते हैं

1st Bihar Published by: Updated Fri, 17 Jul 2020 03:09:06 PM IST

पटना में IAS अफसर पर केस, तेजस्वी बोले- नीतीश जी घोटालेबाजों का सिंडिकेट चलाते हैं

- फ़ोटो

PATNA :  इस वक्त एक बड़ी खबर पटना से सामने आ रही है. राजधानी पटना में एक आईएएस और 3 रिटायर्ड आईएएस अफसर समेत कुल 10 लोगों के खिलाफ विजिलेंस की टीम ने एफआईआर किया है. इनके ऊपर 7.3 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए नीतीश सरकार के ऊपर एक और बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.


विजिलेंस इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो के इंस्पेक्टर के बयान पर 1991 बैच के आईएएस अफसर एसएम राजू, BMVM के निदेशक राघवेंद्र झा, राज नारायण लाल, रामाशीष पासवान, देबजानी कर, ओएसडी अनिल कुमार सिन्हा, शशिरंजन भूषण, हरेंद्र श्रीवास्तव, सहायक निदेशक बीरेंद्र चौधरी और ब्रिटिश लिंगुआ के निदेशक डॉ बीरबल झा समेत 10 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है.


नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मामले में ट्वीट करते हुए लिखा है कि " क्या हमें और कहने की आवश्यकता है ? नीतीश कुमार घोटाले और भ्रष्टाचार के प्रतीक हैं, जो घोटालेबाजों का सिंडिकेट चलाते हैं. एससी / एसटी बच्चों के कल्याण के लिए बनाई गई धनराशि का यह गबन, मेरे लिए दुःखद है. क्या नीतीश कुमार जी इस 57वें भ्रष्टाचार के बारे में कुछ बोलेंगे."


दरअसल एक जांच में पता चला है कि 2012-13, 2013-14, 2014-15 और 2015-16 के दौरान, ब्रिटिश लिंगुआ ने कई चेक के माध्यम से 7.3 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की गई है. इन तमाम लोगों के खिलाफ थाने में आईपीसी की धारा 406 (विश्वास के आपराधिक उल्लंघन), 409 (लोक सेवक पर विश्वास का आपराधिक उल्लंघन), 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान सुरक्षा का जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 दर्ज किया गया है. (जाली दस्तावेज के रूप में वास्तविक रूप में उपयोग करना), 477a (खातों का मिथ्याकरण) और 120 बी (आपराधिक साजिश)  और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. प्राथमिकी में कहा गया है कि दो अलग-अलग रजिस्टरों पर इन प्रशिक्षुओं के हस्ताक्षर उनके (आरोपी) के खिलाफ सबूत थे.



राज्य सरकार ने 22 जिलों में अनुसूचित जाति समुदायों के छात्रों के लिए अंग्रेजी भाषा में पाठ्यक्रम शुरू किया था, जिसे बीरबल झा की अध्यक्षता वाली ब्रिटिश लिंग्विंग नामक एक एजेंसी द्वारा संलग्न किया गया था. जब यह पहल की गई थी, तब इस योजना की सराहना की गई थी और बाद में इसके कार्यान्वयन और लाभार्थियों की सटीक संख्या पर विवाद हुआ था. महादलित विकास मिशन ने कहा कि उसने 2012 से 2016 के बीच 14,826 छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान किया, लेकिन जांच में पाया गया कि प्रशिक्षु एक ही नाम और पते के तहत एक ही समय में दो अलग-अलग ट्रेडों और सत्रों का पीछा कर रहे थे.


बिहार के महादलितों के बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के नाम पर घोटाला हुआ है. इस घोटाले के मास्टर माइंड कई आईएएस अधिकारी है. इसको लेकर विजिलेंस ने बुधवार को केस दर्ज कराया है. गरीब बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने को लेकर सीएम नीतीश कुमार को जोर दे रहे थे, लेकिन उनके अधिकारी ही सरकार को चूना लगा रहे थे. बताया जा रहा है कि महादलित विकास मिशन को बाकी ट्रेड में ट्रेनिंग के अलावा स्पोकेन इंग्लिश का कोर्स भी कराना था. इसको लेकर फेमस ब्रिटिश लिंगुआ को यह जिम्मा दिया गया था. लेकिन जांच में यह बातें सामने आई की ब्रिटिश लिंगुआ को जिम्मा देने में खासी गड़बड़ी हुई. पूरा कोर्स को सिर्फ कागज पर ही पूरा करा दिया गया. एक ही छात्र के दो-दो नाम, एक ही छात्र के दो रोल नंबर दिया गया है. इस तरह से 7 करोड़ 30 लाख रुपए से अधिक रुपए का चूना लगाया गया है.


दर्ज एफआईआर में बताया गया है कि  अक्टूबर 2011 में इसको लेकर विज्ञापन निकाला गया था. जिसमें 20 ट्रेड समेत स्पोकेन इंग्लिश भी था. लेकिन इंग्लिश सिखाने वाले का जिम्मा लेने वाले ब्रिटिश लिंगुआ के निदेशक डॉ. बीरबल झा द्वारा मिशन के अधिकारियों के साथ फर्जी कागज तैयार कर कर साल 20212- से लेकर 2016 तक विभाग से पैसा लेता रहा.