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1st Bihar Published by: Updated Wed, 14 Jul 2021 08:47:42 AM IST
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PATNA : बिहार में सत्ता के भागीदार भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड के बीच पॉपुलेशन कंट्रोल कानून को लेकर टकराव बढ़ गया है. उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर योगी सरकार ने जो पहल की उसे विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी का चुनावी कार्ड माना जा रहा है. लेकिन यूपी इलेक्शन के पहले बिहार में इस मसले पर सियासी हालात ऐसे हो गए हैं कि सरकार में शामिल बीजेपी और जेडीयू के मंत्री आमने-सामने खड़े हैं.
बीजेपी के मंत्रियों की राय है कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर बिहार में भी जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू होना चाहिए. जबकि जेडीयू कोटे के मंत्रियों की राय इससे अलग है. जेडीयू का मानना है कि बिहार मॉडल जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सही है और जागरूकता से ही आबादी पर नियंत्रण लगाया जा सकता है.
ऐसा नहीं है कि जनसंख्या नियंत्रण नीति को लेकर केवल बिहार बीजेपी और जेडीयू के नेता ही आमने-सामने खड़े हैं. दोनों दलों के केंद्रीय नेताओं की तरफ से भी बयान सामने आ रहे हैं जो परस्पर विरोधी हैं. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को विकास के साथ जोड़ते हुए इसे धर्म और राजनीति से देखने की बजाय देश के विकास से जोड़कर देखने की नसीहत दी है. जबकि जेडीयू के वरिष्ठ नेता और प्रधान महासचिव केसी त्यागी का कहना है कि जनसंख्या की समस्या का हल कानून से नहीं किया जा सकता.
2 दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी यही बात कही थी. नीतीश कुमार ने जो कहा था, केसी त्यागी भी वही कह रहे हैं. त्यागी ने कहा है कि महिलाओं को शिक्षित कर और जागरूकता के जरिए ही जनसंख्या नियंत्रण किया जा सकता है.
दरअसल बीजेपी कोटे से बिहार सरकार में पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी के उस बयान से बवाल बढ़ा है जिसमें उन्होंने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण नीति बिहार में लागू करना अब बेहद जरूरी है. सम्राट चौधरी ने कहा कि नगर निकायों में और पंचायतों में अगर जनसंख्या नियंत्रण नीति लागू हो सकती है तो फिर बाकी योजनाओं में क्यों नहीं. बीजेपी कोटे से एक और मंत्री नितिन नवीन ने भी कहा है कि हमें यूपी के तर्ज पर अपने यहां पहल करनी होगी. बिना किसी कानून के पॉपुलेशन कंट्रोल नहीं किया जा सकता.
बीजेपी कोटे के मंत्रियों के जवाब में जदयू कोटे के वरिष्ठ मंत्री भी उतर आए हैं. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि नीतीश कुमार के प्रयासों और नीतियों से प्रजनन दर में कमी आई है. महिलाओं को शिक्षित बनाया जाए तो आबादी नियंत्रण में रह सकती है. मंत्री अशोक चौधरी के मुताबिक जनसंख्या नियंत्रण सिर्फ कानून से संभव नहीं है और वह इसके पक्षधर नहीं. महिला, शिक्षा और जागृति सही प्रजनन दर घट सकता है.
उधर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने भी कहा है कि बिहार मॉडल जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सबसे बेहतर है और इसे आजमाया जा चुका है. जबकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने के पक्षधर हैं. जेडीयू और बीजेपी के बीच जनसंख्या नियंत्रण को लेकर अब तकरार आगे बढ़ चुकी है.