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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 27 Dec 2024 11:26:50 PM IST
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Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत को हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और फलदायी व्रत माना गया है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से साधक को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके सभी कष्ट दूर होते हैं।
पौष माह का पहला प्रदोष व्रत: तिथि और समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 दिसंबर 2024 को सुबह 2:26 बजे शुरू होकर 29 दिसंबर 2024 को सुबह 3:32 बजे समाप्त होगी। इसलिए, पौष माह का पहला प्रदोष व्रत 28 दिसंबर 2024 (शनिवार) को रखा जाएगा। यह शनि प्रदोष के नाम से जाना जाएगा।
पौष माह का दूसरा प्रदोष व्रत: तिथि और समय
पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 जनवरी 2024 को सुबह 8:21 बजे शुरू होकर 12 जनवरी 2024 को सुबह 6:33 बजे समाप्त होगी। इस व्रत का पालन 11 जनवरी 2024 (शनिवार) को किया जाएगा, जिसे भी शनि प्रदोष कहा जाएगा।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
पूजा स्थल की सफाई करें और शिव परिवार की प्रतिमा या शिवलिंग स्थापित करें।
शिवलिंग का गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें।
सफेद चंदन का तिलक लगाएं और आक, बेलपत्र, भांग, व धतूरा अर्पित करें।
देसी घी का दीपक जलाएं और खीर का भोग लगाएं।
रुद्राक्ष की माला से “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
आरती कर पूजा को पूर्ण करें और पूजा के दौरान हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।
तामसिक भोजन और व्यवहार से परहेज करें।
महत्वपूर्ण सुझाव
प्रदोष व्रत को श्रद्धा और विधिपूर्वक करने से भगवान शिव का कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत शनि प्रदोष के रूप में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि शनिवार को शिव पूजा के साथ शनि दोष से मुक्ति भी मिलती है।