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Prayagraj Mahakumbh Mela 2025: प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025, शाही स्नान का महत्व और शुभ मुहूर्त

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 30 Dec 2024 11:13:38 PM IST

Prayagraj Mahakumbh Mela 2025: प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025, शाही स्नान का महत्व और शुभ मुहूर्त

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Prayagraj Mahakumbh Mela 2025: प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है और यह एक ऐतिहासिक और धार्मिक अवसर होता है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान करने के लिए एकत्रित होते हैं। महाकुंभ का आयोजन त्याग, समर्पण और श्रद्धा का प्रतीक होता है।


शाही स्नान का महत्व:

महाकुंभ के दौरान, विशेष रूप से शाही स्नान का आयोजन होता है, जो अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। शाही स्नान में भाग लेने से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त होते हैं और उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, माना जाता है कि शाही स्नान से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।


शाही स्नान के मुहूर्त 2025:

2025 में महाकुंभ मेला 13 जनवरी को शुरू होगा और यह 26 फरवरी 2025 तक रहेगा। इस दौरान कुल 6 शाही स्नान होंगे, जिनमें से पहला शाही स्नान 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के अवसर पर होगा।


13 जनवरी 2025 शाही स्नान मुहूर्त:

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5 बजकर 27 मिनट से 6 बजकर 21 मिनट तक।

विजय मुहूर्त: दोपहर 2 बजकर 15 मिनट से 2 बजकर 57 मिनट तक।

गोधूलि मुहूर्त: शाम 5 बजकर 42 मिनट से 6 बजकर 09 मिनट तक।

निशिता मुहूर्त: रात 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक।


महत्वपूर्ण शाही स्नान तिथियां 2025:

13 जनवरी 2025 – पौष पूर्णिमा (पहला शाही स्नान)

14 जनवरी 2025 – मकर संक्रांति (दूसरा शाही स्नान)

29 जनवरी 2025 – मौनी अमावस्या (तीसरा शाही स्नान)

02 फरवरी 2025 – वसंत पंचमी (चौथा शाही स्नान)

12 फरवरी 2025 – माघ पूर्णिमा (पाँचवां शाही स्नान)

26 फरवरी 2025 – महाशिवरात्रि (छठा शाही स्नान)


शाही स्नान के लाभ:

शाही स्नान का हिस्सा बनने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और उन्हें आत्मिक शांति प्राप्त होती है। इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। साथ ही यह समय एक नई शुरुआत के रूप में देखा जाता है, जहां श्रद्धालु अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करते हैं। महाकुंभ मेला एक अद्भुत अवसर है, जहां लोग अपने धार्मिक और आत्मिक उन्नति की ओर कदम बढ़ाते हैं।