Bihar Election 2025 : मोकामा-बाढ़ के नतीजे आएंगे सबसे पहले, दीघा का परिणाम सबसे अंत में; DM ने मतगणना को लेकर कर दिया सबकुछ क्लियर Bihar Election 2025: युवा वोटर हैं बदलाव की असली ताकत, जानिए क्यों मतदान करना है जरूरी? चुनाव आयोग की अपील Bihar Election 2025 :गयाजी सीट पर फिर मैदान में डॉ. प्रेम कुमार, नौवीं जीत के लिए BJP ने झोंकी ताकत; ग्राउंड रिपोर्ट से जानिए वोटिंग से पहले क्या है इस बार वोटरों का मुद्दा Bihar Election 2025: "बिहार में मतदान का नया रिकॉर्ड बनाएं, युवा बढ़-चढ़कर करें भागीदारी", अंतिम चरण के वोटिंग को लेकर PM ने की वोटरों से अपील Bihar Election 2025 : दुसरे चरण की मतदान के बीच नीतीश कुमार ने वोटरों से की ख़ास अपील,कहा - खुद भी मतदान करें और ... Delhi Blast Impact: दिल्ली ब्लास्ट के बाद पटना एयरपोर्ट से लेकर मंदिर तक सुरक्षा बढ़ी, थानेदारों को निर्देश जारी Bihar Chunav 2025 : वोटर कार्ड नहीं है तो क्या वोट नहीं डाल सकते? जानिए चुनाव आयोग का बड़ा निर्देश Bihar Election 2025: अंतिम चरण में इन इलाकों में पहली बार हो रहा मतदान, दशकों बाद गांवों में गूंजी लोकतंत्र की आवाज Bihar Chunav 2025 : दिल्ली हिंसा के बाद भी बिहार के मतदाताओं में दिख रहा गजब का उत्साह, नाश्ते से पहले फर्स्ट टाइम वोटर समेत हर वर्ग के वोटरों की दिख रही लंबी लाइन Bihar Chunav 2025 Second Phase Polling: 47 सीटों पर हर बार बदलती रही सियासी तस्वीर, इस बार कौन तोड़ेगा परंपरा?
1st Bihar Published by: Updated Wed, 15 Sep 2021 07:58:26 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : प्रमोशन में रिजर्वेशन के मध्य प्रदेश सुप्रीम कोर्ट में अब राज्य सरकारों को 2 हफ्ते में जवाब देने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा है कि वह प्रोन्नति में एससी-एसटी को आरक्षण की अनुमति देनेवाले अपने फैसले पर दोबारा सुनवाई नहीं करेगा, क्योंकि राज्यों को यह निर्णय करना है कि वे कैसे इसे लागू करेंगे. विभिन्न राज्यों में प्रोन्नति में एससी-एसटी को आरक्षण देने में आ रही दिक्कतों से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई के तीन सदस्यीय पीठ ने राज्य सरकारों के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड को निर्देश दिया कि वे उन मुद्दे की पहचान करें, जो उनके लिए अनूठे हैं और दो सप्ताह में ऐसे मामलों की जानकारी दें. इसके साथ ही मामले की सुनवाई 5 अक्टूबर तक स्थगित कर दी। पीठ ने स्पष्ट किया कि वह नागराज या जरनैल सिंह मामले को फिर से नहीं खोलेगा, मालूम हो कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में एससी-एसटी की प्रोन्नति में आरक्षण का रास्ता साफ कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि हम यहां पर सरकार को यह सलाह देने के लिए नहीं है कि उन्हें क्या करना चाहिए। यह हमारा काम नहीं है कि सरकार को बताएं कि वह नीति कैसे लागू करे। यह स्पष्ट व्यवस्था दी गयी है कि राज्यों को इसे किस तरह लागू करना है और कैसे पिछड़ेपन और प्रतिनिधित्व पर विचार करना है। न्यायिक समीक्षा के अधीन राज्यों को तय करना है कि उन्हें क्या करना है।
बिहार में सभी स्तर के सरकारी कर्मियों का प्रमोशन 2019 से रुका पड़ा है। राज्य सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का इस पर अंतिम फैसला आने के बाद ही प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू हो पायेगी। पटना हाइकोर्ट ने 2019 में प्रोन्नति में आरक्षण नहीं देने का फैसला सुनाया था। इसके बावजूद राज्य सरकार एससी-एसटी वर्ग को प्रमोशन में वरीयता देना चाहती थी। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले के चले जाने के बाद राज्य सरकार ने सरकारी सेवकों की प्रोन्नति पर ही रोक लगा रखी है उधर कर्मचारी संघों का कहना है कि हाईकोर्ट ने अपने आदेशों में सभी वर्गों की प्रोन्नति रोकने का कोई निर्देश नहीं दिया था। इसके बावजूद सरकार अपने तरीके से निर्णय ले रही।