पुल निर्माण के दौरान मिट्टी धंसने से 10 वर्षीय किशोर की दर्दनाक मौत, बकरी चराने के दौरान हादसा BIHAR: निषाद आरक्षण पर राजनीति तेज, VIP ने BJP पर जनता को बरगलाने का लगाया आरोप मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर
1st Bihar Published by: Updated Mon, 22 Jun 2020 07:49:48 AM IST
- फ़ोटो
DESK : एक तरफ पूरे देश में कोरोना का कहर जारी है तो इन सब के बीच लॉकडाउन ने लोगों की कमर तोड़कर रख दी है. लॉकडाउन से आमदनी में आई भारी कमी की भारपाई के लिए रेलवे ने खर्चों में कटौती शुरू कर दी है.
इसके लिए रेलवे के वित्त आयुक्त के प्रस्तवों को लागू किया जा रहा है. वित्त आयुक्त के नए पद बनाने और भर्ती पर रोक, वर्कशॉप में कर्मचारियों के युक्तिकरण, सीएसआर के लिए आउटसोर्सिंग, समारोहों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना, सटेशनरी के इस्तेमाल में 50 फिसदी तक की कमी जैसे कदम उठाने को कहा है.
रेलवे के सभी मंडल महाप्रबंकों को रेलवे के वित्त आयुक्त ने चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि खर्च में कमी करने और आय बढ़ाने के लिए नए क्षेत्रों की खोज करनी होगी. चिट्ठी में लिखा गया है कि "जैसा कि आप जानते हैं कि सरकार ने रेलवे को पेंशन सहित अपने सभी राजस्व खर्चों को खुद पूरा करने को जरुरी कर दिया है. कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन से रेलवे की आमदनी पर उलटा असर पड़ने की पूरी संभावना है. पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में मई के अंत में रेलवे की आय में 58 फिदसी की गिरावट आई है. इलिए रेलवे मंडल को कर्मचारियों की लागत कम करने, कर्माचारियों की जरुर को तर्कसंगत बनाने और कई कामों में खर्च कम करने की बात कही गई है. "