बसपा प्रत्याशी चितरंजन कुमार को AIMIM ने दिया समर्थन, रोमांचक हुई वजीरगंज विधानसभा चुनाव Bihar Election 2025: चुनावी सभा में सम्राट चौधरी ने बताया ‘लालटेनिया’ का मतलब, लालू परिवार पर जमकर बरसे Bihar Election 2025: चुनावी सभा में सम्राट चौधरी ने बताया ‘लालटेनिया’ का मतलब, लालू परिवार पर जमकर बरसे Bihar Election 2025: बिहार के इस नक्सल प्रभावित इलाके में 73 साल बाद होगी वोटिंग, चुनाव को लेकर मतदाताओं में भारी उत्साह ब्रजेश ऑटोमोबाइल्स महिन्द्रा ने रचा नया कीर्तिमान, सितम्बर-अक्टूबर में 2035 वाहनों की डिलीवरी Bihar Election 2025: ‘लालू-नीतीश ने बिहार के बच्चों की पीठ पर मजदूरी का बोरा बांधा’, प्रशांत किशोर का बड़ा हमला Bihar Election 2025: ‘लालू-नीतीश ने बिहार के बच्चों की पीठ पर मजदूरी का बोरा बांधा’, प्रशांत किशोर का बड़ा हमला ISRO GSAT-7R Launch: ISRO ने नौसेना के लिए एडवांस्ड सैटेलाइट GSAT-7R को किया लॉन्च, अंतरिक्ष से समुद्री सीमा की होगी सख्त निगरानी ISRO GSAT-7R Launch: ISRO ने नौसेना के लिए एडवांस्ड सैटेलाइट GSAT-7R को किया लॉन्च, अंतरिक्ष से समुद्री सीमा की होगी सख्त निगरानी Pankaj Tripathi Mother Death: एक्टर पंकज त्रिपाठी की मां का निधन, हेमवती देवी ने 89 वर्ष की आयु में ली आखिरी सांस
1st Bihar Published by: Updated Wed, 01 Apr 2020 09:17:29 AM IST
- फ़ोटो
RANCHI: लॉकडाउन में भले ही सब्जी शहर में अधिक रेट पर मिल रहा है. लेकिन हकीकत यह भी है कि गांव के किसानों की सब्जी लेने वाला कोई नहीं पहुंच रहा है. जिसके कारण मजबूरी में किसान मवेशियों को टमाटर, खीरा और गोभी खिला रहे है. यह मामला रांची के ओखरगढ़ा गांव का है.
रात में पहुंचे खरीदार तो पुलिस देख भाग निकले
किसान रघुनाथ बेदिया ने बताया कि लॉकडाउन में सब्जी लेने के लिए कोई कारोबारी नहीं आ रहा है. जिसके कारण उनके खेत से सब्जी बाहर नहीं जा पा रहा है. दो दिन पहले रात में कारोबारी सब्जी लेने आया. सब्जी तोड़कर दे रहे थे. इस दौरान ही पुलिस आ गई देख कारोबारी भाग निकला, जिसके बाद दोबारा गांव में नहीं आया. लॉकडाउन के कारण खुद सब्जी लेकर निकल भी नहीं पा रहे हैं. लोकल बाजार भी नहीं लग रह है.
कर्ज लेकर किया था खेती
बेदिया ने बताया कि वह 2 लाख रुपए कर्च लेकर इस बार सब्जी की खेती किए थे,लेकिन कुछ दिन पहले हुई बारिश और वज्रपात के कारण गोभी की फसल खराब हो गया. अब जो बचा उसको लेने वाला भी कोई नहीं आ रह है. खेत से खीरा निकल रहा है. लेकिन कोई खरीदार नहीं हैं. 5 रुपए खीरा और 5 रुपए पत्ता गोभी भी कोई लेने वाला नहीं हैं. ऐसे में सब्जी को या तो फेंकना पड़ा रहा.जितना हो रहा वह मवेशियों को खिला रहे हैं. यह हाल सैकड़ों किसानों का है.