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1st Bihar Published by: Updated Fri, 12 Jun 2020 01:54:26 PM IST
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DESK : ग्राहकों के पैसों की सुरक्षा बैंक और आरबीआई की ज़िम्मेदारी है. यही वजह है कि आरबीआई ने बीते कुछ सालों में देश के कई बैंकों पर सख्ती से कार्यवाई करते हुए देश के कई छोटे बड़े बैंकों पर जुर्माना लगाया तो किसी पर पाबंदियां लगाई.
इन पाबंदियों की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत ग्राहकों को ही हुआ. इसी कड़ी में आरबीआई ने अब कानपुर स्थित पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक पर भी बड़ी कार्रवाई की है. इस बैंक पर आरबीआई ने 6 महीने के लिए कई तरह की पाबंदी लगा दी है. इस बैंक पर आरबीआई ने छह महीने के लिए ग्राहकों को नए लोन देने और डिपॉजिट स्वीकार करने से रोक लगा दिया है. साथ ही ग्राहकों को बैंक में उनकी जमा रकम की निकासी करने की भी सुविधा को भी फिलहाल रोक दी है.
इस मामले पर आरबीआई ने एक बयान में कहा, ‘‘10 जून, 2020 को व्यवसाय बंद होने के बाद, बैंक रिजर्व बैंक की लिखित अनुमति के बिना कोई नया लोन देने या पुराने बकाये को जारी नहीं कर सकेगा. इसके अलावा बैंक कोई नया निवेश नहीं कर सकेगा और न ही नया जमा स्वीकार कर सकेगा. ’’ इसके साथ ही बैंक को किसी संपत्ति को बेचने, स्थानांतरित करने या उसका निपटान करने से भी रोक दिया है. केंद्रीय बैंक ने कहा, "सभी बचत बैंक या चालू खाते या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि को निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है."
दरअसल, आरबीआई ने ये बड़ा फैसला पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक की कमजोर वित्तीय स्थिति को देखते हुए लिया है. आरबीआई के अनुसार ये पाबंदी 10 जून को कारोबार बंद होने के छह महीने बाद तक लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन होंगे.
हालांकि रिजर्व बैंक ने यह स्पष्ट किया कि इस निर्देश को सहकारी बैंक के बैंकिंग लाइसेंस को रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग व्यवसाय करना जारी रखेगा.